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निम्स चेयरमैन बीएस तोमर की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से हाइकोर्ट का इनकार

जयपुर में हाईकोर्ट ने निम्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन बीएस तोमर के खिलाफ चल रहे दुष्कर्म के मामले में पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने बीएस तोमर के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
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Published : Oct 23, 2019, 10:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निम्स चेयरमैन बीएस तोमर के खिलाफ आमेर थाने में दर्ज दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश बीएस तोमर के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि 21 दिसंबर 2018 को युवती ने आमेर थाने में याचिकाकर्ता के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था. वहीं याचिकाकर्ता ने भी युवती के खिलाफ हनी ट्रेप और ब्लैकमेलिंग करने को लेकर चंदवाजी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस तीन बार मामले में एफआर प्रस्तावित कर चुकी है. ऐसे में उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए और याचिकाकर्ता की ओर से दर्ज रिपोर्ट पर निष्पक्ष जांच कराई जाए.

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इसका विरोध करते हुए राजकीय अधिवक्ता शेर सिंह महला ने कहा कि पुलिस ने अनुसंधान में तोमर के खिलाफ दुष्कर्म का जुर्म प्रमाणित कर चुकी है. इसलिए आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने तोमर की गिरफ्तारी पर रोक से इंकार करते हुए उसका प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निम्स चेयरमैन बीएस तोमर के खिलाफ आमेर थाने में दर्ज दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश बीएस तोमर के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि 21 दिसंबर 2018 को युवती ने आमेर थाने में याचिकाकर्ता के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था. वहीं याचिकाकर्ता ने भी युवती के खिलाफ हनी ट्रेप और ब्लैकमेलिंग करने को लेकर चंदवाजी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस तीन बार मामले में एफआर प्रस्तावित कर चुकी है. ऐसे में उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए और याचिकाकर्ता की ओर से दर्ज रिपोर्ट पर निष्पक्ष जांच कराई जाए.

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इसका विरोध करते हुए राजकीय अधिवक्ता शेर सिंह महला ने कहा कि पुलिस ने अनुसंधान में तोमर के खिलाफ दुष्कर्म का जुर्म प्रमाणित कर चुकी है. इसलिए आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने तोमर की गिरफ्तारी पर रोक से इंकार करते हुए उसका प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने निम्स चेयरमैन बीएस तोमर के खिलाफ आमेर थाने में दर्ज दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगो से इंकार कर दिया है। न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश बीएस तोमर के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:प्रार्थना पत्र में कहा गया कि 21 दिसंबर 2018 को युवती ने आमेर थाने में याचिकाकर्ता के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। वहीं याचिकाकर्ता ने भी युवती के खिलाफ हनी ट्रेप और ब्लैकमेलिंग करने को लेकर चंदवाजी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। युवती याचिकाकर्ता की पत्नी और बेटे के कहने पर उसे मामले में फंसा रही है। वहीं पुलिस तीन बार मामले में एफआर प्रस्तावित कर चुकी है। ऐसे में उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए और याचिकाकर्ता की ओर से दर्ज रिपोर्ट पर निष्पक्ष जांच कराई जाए। जिसका विरोध करते हुए राजकीय अधिवक्ता शेर सिंह महला ने कहा कि पुलिस ने अब अनुसंधान मेंं तोमर के खिलाफ दुष्कर्म का जुर्म प्रमाणित माना है। इसलिए आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने तोमर की गिरफ्तारी पर रोक से इंकार करते हुए उसका प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।
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