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Rajasthan High Court : ग्राम पंचायत सहायक के पद पर नियुक्ति नहीं देने पर अदालत ने संबंधित अधिकारियों से मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत सहायक पद पर विद्यार्थी मित्र को नियुक्ति नहीं देने पर पंचायती राज सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, बारां कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जबाव तलब किया है (Rajasthan High Court seeks reply from concerned officer).

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jun 21, 2022, 8:50 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत सहायक पद पर विद्यार्थी मित्र को नियुक्ति नहीं देने पर पंचायती राज सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, बारां कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित अन्य से जवाब मांगा है (Rajasthan High Court seeks reply from concerned officer). हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश संजय कुमार महला और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पूर्व में विद्यार्थी मित्र के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुका है. उसने ग्राम पंचायत सहायक के पद पर आवेदन किया था. लेकिन उसे नियुक्ति नहीं दी गई. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता के बजाए ऐसे व्यक्ति का चयन कर लिया, जिसके पास विद्यार्थी मित्र का अनुभव नहीं था.

पढ़ें:राजस्थान हाईकोर्ट ने फायरमैन के तबादला आदेश पर लगाई रोक

उच्चधिकारियों के समक्ष प्रतिवेदन पर नहीं हुआ निस्तारण: जबकि नियमानुसार याचिकाकर्ता को भर्ती में वरीयता दी जानी चाहिए थी. याचिका में यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता ने इस संबंध में उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रतिवेदन भी पेश की. लेकिन उसका भी विधिनुसार निस्तारण नहीं किया गया. याचिकाकर्ता के अनुभवी होने के बावजूद भी उसे चयन से वंचित किया जा रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत सहायक पद पर विद्यार्थी मित्र को नियुक्ति नहीं देने पर पंचायती राज सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, बारां कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित अन्य से जवाब मांगा है (Rajasthan High Court seeks reply from concerned officer). हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश संजय कुमार महला और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पूर्व में विद्यार्थी मित्र के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुका है. उसने ग्राम पंचायत सहायक के पद पर आवेदन किया था. लेकिन उसे नियुक्ति नहीं दी गई. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता के बजाए ऐसे व्यक्ति का चयन कर लिया, जिसके पास विद्यार्थी मित्र का अनुभव नहीं था.

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उच्चधिकारियों के समक्ष प्रतिवेदन पर नहीं हुआ निस्तारण: जबकि नियमानुसार याचिकाकर्ता को भर्ती में वरीयता दी जानी चाहिए थी. याचिका में यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता ने इस संबंध में उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रतिवेदन भी पेश की. लेकिन उसका भी विधिनुसार निस्तारण नहीं किया गया. याचिकाकर्ता के अनुभवी होने के बावजूद भी उसे चयन से वंचित किया जा रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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