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नियुक्ति आदेश की सूचना अभ्यर्थी को नहीं देने पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब - हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पद पर चयन के बाद अभ्यर्थी को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई.

राजस्थान हाईकोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jun 5, 2021, 10:42 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पद पर चयन के बाद अभ्यर्थी को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई. इसके साथ ही अदालत ने लॉकडाउन समाप्त होने पर याचिकाकर्ता अभ्यर्थी को कार्य ग्रहण कराने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश किरण कुमारी की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती-2018 में चयन हुआ था. विभाग ने गत वर्ष पांच अक्टूबर को उसके नियुक्ति आदेश भी जारी कर दिए, लेकिन इस संबंध में याचिकाकर्ता को सूचना नहीं दी गई, जिसके चलते वह कार्य ग्रहण नहीं कर सकी.

यह भी पढ़ेंः गहलोत कैबिनेट बैठक में डोटासरा को देख लेने की धमकी देने वाले शांति धारीवाल के तेवर पड़े नरम

वहीं, गत फरवरी माह में स्वास्थ्य विभाग ने पांच अक्टूबर के आदेश की पालना में पद ग्रहण नहीं करने पर याचिकाकर्ता सहित ढाई दर्जन से अधिक चयनितों के नियुक्ति आदेश निरस्त कर दिए और कम अंक वाले अभ्यर्थियों को उनके स्थान पर कार्य ग्रहण करने के आदेश दे दिए. इसकी जानकारी मिलने पर याचिकाकर्ता की ओर से विभाग में आपत्ति दर्ज कराई गई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना उसका चयन रद्द करना विधि विरूद्ध है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को लॉकडाउन के बाद कार्य ग्रहण कराने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पद पर चयन के बाद अभ्यर्थी को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई. इसके साथ ही अदालत ने लॉकडाउन समाप्त होने पर याचिकाकर्ता अभ्यर्थी को कार्य ग्रहण कराने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश किरण कुमारी की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती-2018 में चयन हुआ था. विभाग ने गत वर्ष पांच अक्टूबर को उसके नियुक्ति आदेश भी जारी कर दिए, लेकिन इस संबंध में याचिकाकर्ता को सूचना नहीं दी गई, जिसके चलते वह कार्य ग्रहण नहीं कर सकी.

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वहीं, गत फरवरी माह में स्वास्थ्य विभाग ने पांच अक्टूबर के आदेश की पालना में पद ग्रहण नहीं करने पर याचिकाकर्ता सहित ढाई दर्जन से अधिक चयनितों के नियुक्ति आदेश निरस्त कर दिए और कम अंक वाले अभ्यर्थियों को उनके स्थान पर कार्य ग्रहण करने के आदेश दे दिए. इसकी जानकारी मिलने पर याचिकाकर्ता की ओर से विभाग में आपत्ति दर्ज कराई गई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना उसका चयन रद्द करना विधि विरूद्ध है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को लॉकडाउन के बाद कार्य ग्रहण कराने के आदेश दिए हैं.

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