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तय योग्यता और अनुभव के बावजूद भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने पर मांगा जवाब

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Published : Jan 5, 2021, 11:06 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने तय अनुभव और पात्रता होने के बावजूद भी अभ्यार्थी को भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने पर गृह सचिव और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, Rajasthan High Court seeks response
गृह सचिव और आरपीएससी सचिव को नोटिस

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तय अनुभव और पात्रता होने के बावजूद भी अभ्यार्थी को एफएसएल के फोटो डिवीजन में सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर की भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं करने पर गृह सचिव और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश ऋषिकेश मीणा की याचिका पर दिए.

गृह सचिव और आरपीएससी सचिव को नोटिस

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पास तय पात्रता और अनुभव है, लेकिन आयोग ने उसे यह कहते हुए साक्षात्कार से वंचित कर दिया की उसके पास तय अनुभव शैक्षणिक पात्रता से पहले का है. याचिका में कहा गया की भर्ती विज्ञापन में सिर्फ अनुभव रखना ही शर्त थी. यदि अनुभव पहले का भी है तो उससे भर्ती योग्यता में कोई फर्क नहीं पड़ता है.

पढ़ेंः ब्यूरोक्रेसी में उलटफेर, राज्य सरकार ने 183 आरएएस अफसर बदले

इसके अलावा भर्ती साक्षात्कार पर आधारित है. इसलिए तय योग्यता की गणना साक्षात्कार के दिन से की जानी चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तय अनुभव और पात्रता होने के बावजूद भी अभ्यार्थी को एफएसएल के फोटो डिवीजन में सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर की भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं करने पर गृह सचिव और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश ऋषिकेश मीणा की याचिका पर दिए.

गृह सचिव और आरपीएससी सचिव को नोटिस

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पास तय पात्रता और अनुभव है, लेकिन आयोग ने उसे यह कहते हुए साक्षात्कार से वंचित कर दिया की उसके पास तय अनुभव शैक्षणिक पात्रता से पहले का है. याचिका में कहा गया की भर्ती विज्ञापन में सिर्फ अनुभव रखना ही शर्त थी. यदि अनुभव पहले का भी है तो उससे भर्ती योग्यता में कोई फर्क नहीं पड़ता है.

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इसके अलावा भर्ती साक्षात्कार पर आधारित है. इसलिए तय योग्यता की गणना साक्षात्कार के दिन से की जानी चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है.

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