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विवाह अधिकारी बताए रोक के बावजूद नोटिस जारी क्यों कियाः HC

राजस्थान हाईकोर्ट ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह करने वाली युवती के संबंध में रोक के बावजूद नोटिस जारी करने वाले विवाह अधिकारी को तलब किया है.

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Published : Aug 27, 2020, 6:07 PM IST

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राजस्थान हाईकोर्ट का विवाह अधिकारी से सवाल

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह करने वाली युवती के संबंध में रोक के बावजूद नोटिस जारी करने वाले विवाह अधिकारी को तलब किया है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश युवती की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता मोहित टाटिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह अधिकारी के समक्ष आवेदन किया था. वहीं हाईकोर्ट ने गत 30 जुलाई को आदेश जारी कर विवाह अधिकारी को मामले में नोटिस जारी ना करने के लिए पाबंद किया था. याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के बावजूद विवाह अधिकारी ने गत 6 अगस्त को वैशाली नगर थानाधिकारी को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता युवती के संबंध में जानकारी पेश करने को कहा.

पढ़ेंः बसपा से कांग्रेस में विलय करने वाले विधायकों को राहत, HC के फैसले पर क्या कहा सुनिये

याचिका में कहा गया कि वह वयस्क युवती है और अपनी मनमर्जी से शादी करने को स्वतंत्र है. ऐसे में अदालती आदेश के बावजूद विवाह अधिकारी मामले में नोटिस जारी कर उसके विवाह में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने विवाह अधिकारी को तलब कर स्पष्टीकरण देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह करने वाली युवती के संबंध में रोक के बावजूद नोटिस जारी करने वाले विवाह अधिकारी को तलब किया है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश युवती की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता मोहित टाटिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह अधिकारी के समक्ष आवेदन किया था. वहीं हाईकोर्ट ने गत 30 जुलाई को आदेश जारी कर विवाह अधिकारी को मामले में नोटिस जारी ना करने के लिए पाबंद किया था. याचिका में कहा गया कि अदालती आदेश के बावजूद विवाह अधिकारी ने गत 6 अगस्त को वैशाली नगर थानाधिकारी को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता युवती के संबंध में जानकारी पेश करने को कहा.

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याचिका में कहा गया कि वह वयस्क युवती है और अपनी मनमर्जी से शादी करने को स्वतंत्र है. ऐसे में अदालती आदेश के बावजूद विवाह अधिकारी मामले में नोटिस जारी कर उसके विवाह में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने विवाह अधिकारी को तलब कर स्पष्टीकरण देने को कहा है.

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