जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली के पांचना बांध से यहां के कमांड एरिया सहित चार (not providing water from Panchna Dam) अन्य तहसील के लिए पानी नहीं देने पर मुख्य सचिव, प्रमुख जल संसाधन सचिव और करौली कलेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश गंगापुर सिटी विधायक रामकेश मीना की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता कपिल प्रकाश माथुर और अधिवक्ता विकास सैनी ने अदालत को बताया कि पांचना बांध करौली जिले की मध्यम सिंचाई परियोजना है. इसका निर्माण वर्ष 2004 में पूरा किया गया था. बांध का कुल भराव गेज करीब 259 मीटर है. याचिका में कहा गया कि इस बांध से कमांड एरिया और वजीरपुर, हिंडौन, नादौती और टोडाभीम तहसील के ग्रामीणों और किसानों के लिए पेयजल और कृषि उपयोग के लिए पानी नहीं छोड़ा जा रहा है.
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याचिका में कहा गया कि कमांड एरिया के किसानों की भूमि लेकर ही यहां नहरों का निर्माण किया गया था. जबकि दूसरी ओर इन किसानों को ही पानी नहीं मिल रहा है. जिसके चलते यहां की करीब 40 हजार बीघा भूमि बंजर भूमि में बदल चुकी है. वहीं पिछले पन्द्रह साल से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं होने के बावजूद भी राज्य सरकार सिंचित भूमि की लगान वसूल रही है. यहां तक की अप्रैल 2021 में पीने के लिए गंभीर नदी में बांध से पानी छोड़ा गया. लेकिन भयंकर जल संकट होने के बाद भी नहरों में पीने के लिए पानी नहीं छोड़ा जा रहा है.
इस संबंध में मुख्य सचिव सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन अधिकारियों ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है. याचिका में कहा गया कि वर्ष 2006 से पांचना बांध राजनीति और दहशतगर्दी का शिकार हो चुका है. याचिका में गुहार की गई है कि राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह कमांड एरिया सहित अन्य तहसील में रहने वालों के पीने और कृषि कार्य के लिए तत्काल बांध से पानी उपलब्ध कराए. इसके अलावा इन क्षेत्रों में पानी उपलब्ध नहीं कराने पर यहां के निवासियों को क्षतिपूर्ति दिलाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.