जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने करतारपुरा नाले में अतिक्रमण (encroachment in Kartarpura drain) और बहाव क्षेत्र में अवरोध के मामले में पेश हुए जेडीए के अधिकारियों से कहा कि उन्हें जनता के हितों को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए. अदालत ने मामले की सुनवाई अक्टूबर महीने में तय की है.
न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सी.के. सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश राजेन्द्र प्रसाद शर्मा की याचिका पर दिए. सुनवाई के दौरान जेडीए के संबंधित जोन अधिकारी अदालत में पेश हुए. उनकी ओर से अदालत को बताया गया कि अदालती आदेश के बाद नाले से अतिक्रमण हटाकर कचरा बाहर निकाला गया है और पानी के बहाव को सुनिश्चित किया गया है.
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प्रकरण को राज्य सरकार के स्तर पर देखा जा रहा है. इस पर अदालत ने कहा कि यह याचिकाकर्ता के व्यक्तिगत हित का मामला नहीं है. यह जनहित का मामला है और उसमें उठाए गए बिंदुओं पर जेडीए को अमल करना चाहिए. अदालत ने जेडीए अधिकारियों का ध्यान शहर में जगह-जगह पड़े कचरे के ढेरों की तरफ भी दिलाया. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी व अधिवक्ता दीनदयाल खंडेलवाल ने बताया कि जेडीए काम के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर रही है. मौके पर अभी भी अतिक्रमण मौजूद है.