जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग पीड़िता के अपहरण के मामले में पीड़िता को 18 अगस्त तक पेश करने को कहा है. ऐसा नहीं होने पर अदालत ने भरतपुर एसपी को पेश होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने यह आदेश पीड़िता के पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि 2 दिसंबर 2020 को एक युवक याचिकाकर्ता की नाबालिग बेटी का अपहरण कर ले गया था. घटना को लेकर याचिकाकर्ता की ओर से भरतपुर के उच्चैन थाने में मामला भी दर्ज कराया गया, लेकिन पुलिस ने अब तक न तो पीड़िता को बरामद किया है और न ही आरोपी को गिरफ्तार कर पाई है.
याचिका में कहा गया कि पुलिस मामले में सिर्फ खानापूर्ति कर रही है. ऐसे में पुलिस को निर्देश दिए जाए कि वह पीड़िता को बरामद कर अदालत में पेश करे. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने 18 अगस्त तक पीड़िता को कोर्ट में पेश नहीं करने पर भरतपुर एसपी को पेश होने के आदेश दिए हैं.
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जिले के उच्चैन थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग बालिका का 7 माह बाद भी कहीं सुराग नहीं लगा है. नाबालिग बालिका के पिता ने 2 दिसंबर 2020 को उच्चैन थाने में मामला दर्ज कराया था. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के लापुर थाना क्षेत्र के एक गांव के युवक ने उच्चैन थाना क्षेत्र की एक बालिका को पहले फेसबुक पर फ्रेंड बनाया. उसके बाद बालिका का अपहरण कर के ले गया.
मामला दर्ज होने के बाद से पुलिस लगातार आरोपी युवक और बालिका की तलाश कर रही है, लेकिन दोनों का कहीं सुराग नहीं लग रहा. बाद में कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने आरोपी युवक और बालिका को शरण देने वाले युवक के भाई, दोस्त और वकील को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
हाल ही में 25 जुलाई को फिर से एक टीम आरोपी युवक और बालिका की तलाश में उत्तर प्रदेश गई, जोकि गुरुवार शाम को वापस भरतपुर लौटी लेकिन दोनों का सुराग नहीं लगा. जानकारी के अनुसार आरोपी युवक और बालिका के मोबाइल बंद हैं. दोनों की लोकेशन की तलाश में पुलिस की साइबर सेल ने करीब एक हजार कॉल डिटेल भी खंगाली, लेकिन कुछ पता नहीं चला.