जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर के पास अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए नगर निगम के खिलाफ मौखिक रूप से गंभीर टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि शहर में जगह-जगह अतिक्रमण हो रहे हैं और थडी, ठेले दिखाई देते हैं. ऐसे में नगर निगम की जरूरत ही क्या है. अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि अतिक्रमण करने वालों को ही सारी सुविधा मिलती है, जबकि कानून का पालन करने वाले सुविधाओं को तरसते हैं.
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सुनवाई के दौरान निगम की ओर से रिपोर्ट पेश कर कहा गया कि अतिक्रमियों के दस्तावेज जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. अब तक 24 दुकानदारों में से 17 दुकानदारों की ओर से कमेटी के समक्ष अपने दस्तावेज पेश किए गए हैं. ऐसे में दस्तावेज जांच करने और पुनर्वास प्लान पेश करने के लिए समय चाहिए. इस पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए एक माह का समय दिया है.