ETV Bharat / city

राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निगम को लगाई फटकार, कहा- अतिक्रमण और ठेलों की भरमार फिर निगम की जरूरत क्यों

राजस्थान हाईकोर्ट ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर के पास अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए नगर निगम को फटकार लगाई है. अदालत ने कहा कि शहर में जगह-जगह अतिक्रमण हो रहे हैं और थडी, ठेले दिखाई देते हैं. ऐसे में नगर निगम की जरूरत ही क्या है.

Rajasthan High Court, Municipal Corporation,  राजस्थान हाईकोर्ट, मोती डूंगरी गणेश मंदिर , jaipur news, Encroachment
राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिक्रमण को लेकर नगर निगम को लगाई फटकार
author img

By

Published : Jan 7, 2020, 10:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर के पास अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए नगर निगम के खिलाफ मौखिक रूप से गंभीर टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि शहर में जगह-जगह अतिक्रमण हो रहे हैं और थडी, ठेले दिखाई देते हैं. ऐसे में नगर निगम की जरूरत ही क्या है. अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि अतिक्रमण करने वालों को ही सारी सुविधा मिलती है, जबकि कानून का पालन करने वाले सुविधाओं को तरसते हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिक्रमण को लेकर नगर निगम को लगाई फटकार
न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ने प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए निगम को अतिक्रमण चिन्ह्ति कर पुनर्वास प्लान पेश करने के लिए एक माह का समय दिया है. अदालत ने कहा कि पहले तो मिलीभगत से अतिक्रमण होते हैं. इसके बाद निगम अतिक्रमण हो हटाता है और बाद में इनका पुनर्वास कर दिया जाता है.

पढ़ेंः जयपुर: शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर निगम प्रशासक ने किया औचक निरीक्षण
सुनवाई के दौरान निगम की ओर से रिपोर्ट पेश कर कहा गया कि अतिक्रमियों के दस्तावेज जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. अब तक 24 दुकानदारों में से 17 दुकानदारों की ओर से कमेटी के समक्ष अपने दस्तावेज पेश किए गए हैं. ऐसे में दस्तावेज जांच करने और पुनर्वास प्लान पेश करने के लिए समय चाहिए. इस पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए एक माह का समय दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर के पास अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए नगर निगम के खिलाफ मौखिक रूप से गंभीर टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि शहर में जगह-जगह अतिक्रमण हो रहे हैं और थडी, ठेले दिखाई देते हैं. ऐसे में नगर निगम की जरूरत ही क्या है. अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि अतिक्रमण करने वालों को ही सारी सुविधा मिलती है, जबकि कानून का पालन करने वाले सुविधाओं को तरसते हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिक्रमण को लेकर नगर निगम को लगाई फटकार
न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ने प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए निगम को अतिक्रमण चिन्ह्ति कर पुनर्वास प्लान पेश करने के लिए एक माह का समय दिया है. अदालत ने कहा कि पहले तो मिलीभगत से अतिक्रमण होते हैं. इसके बाद निगम अतिक्रमण हो हटाता है और बाद में इनका पुनर्वास कर दिया जाता है.

पढ़ेंः जयपुर: शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर निगम प्रशासक ने किया औचक निरीक्षण
सुनवाई के दौरान निगम की ओर से रिपोर्ट पेश कर कहा गया कि अतिक्रमियों के दस्तावेज जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. अब तक 24 दुकानदारों में से 17 दुकानदारों की ओर से कमेटी के समक्ष अपने दस्तावेज पेश किए गए हैं. ऐसे में दस्तावेज जांच करने और पुनर्वास प्लान पेश करने के लिए समय चाहिए. इस पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए एक माह का समय दिया है.

Intro:बाईट - याचिका से जुड़े अधिवक्ता विमल चौधरी

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर के पास अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए नगर निगम के खिलाफ मौखिक रूप से गंभीर टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि शहर में जगह-जगह अतिक्रमण हो रहे हैं और थडी-ठेले दिलाई देते हैं। ऐसे में नगर निगम की जरूरत ही क्या है। Body:अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि अतिक्रमण करने वालों को ही सारी सुविधा मिलती है, जबकि कानून का पालन करने वाले सुविधाओं को तरसते हैं। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ने प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए निगम को अतिक्रमण चिन्ह्ति कर पुनर्वास प्लान पेश करेन के लिए एक माह का समय दिया है। अदालत ने कहा कि पहले तो मिलीभगत से अतिक्रमण होते हैं। इसके बाद निगम अतिक्रमण हो हटाता है और बाद में इनका पुनर्वास कर दिया जाता है। सुनवाई के दौरान निगम की ओर से रिपोर्ट पेश कर कहा गया कि अतिक्रमियों के दस्तावेज जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। अब तक 24 दुकानदारों में से 17 दुकानदारों की ओर से कमेटी के समक्ष अपने दस्तावेज पेश किए गए हैं। ऐसे में दस्तावेज जांच करने और पुनर्वास प्लान पेश करने के लिए समय चाहिए। इस पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए एक माह का समय दिया है।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.