जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जवाहर सर्किल के पास वर्ष 1975 में की गई अवाप्ति के खिलाफ दायर याचिका पर 17 साल सुनवाई करने के बाद खारिज (PIL rejected after 17 years of hearing) कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में सितंबर 2004 में दिए अंतरिम रोक के आदेश को वापस ले लिया है.
न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश भंवर लाल की याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिका अवाप्ति के 29 साल बाद दायर की गई है. इसके अलावा जेडीए वर्ष 1982 में भूमि पर कब्जा ले चुका है. वहीं मुआवजा राशि भी वर्ष 1999 में सिविल कोर्ट में जमा कराई जा चुकी है. ऐसे में याचिका को खारिज किया जाता है.
अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 1975 में की गई अवाप्ति की कार्रवाई को चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया कि जिस खसरे पर अवाप्ति की कार्रवाई की गई है, वह भूमि अवाप्ति अधिनियम की धारा 6 के नोटिफिकेशन में शामिल नहीं की गई थी. इसके अलावा जमीन एसटी वर्ग के व्यक्ति की थी. वहीं उसे अवाप्त की गई जमीन के बदले पन्द्रह फीसदी विकसित भूमि भी नहीं दी गई. ऐसे में अवाप्ति को रद्द किया जाए.