जयपुर. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान वाटर वर्क कर्मचारी संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका में अधिवक्ता सीपी शर्मा ने अदालत को बताया कि वित्त विभाग ने 30 अक्टूबर 2017 को अधिसूचना जारी कर राजस्थान पुनरिक्षित वेतनमान, 2008 के प्रावधानों में संशोधन कर इन्हें भूतलक्षी प्रभाव से एक जुलाई 2013 से लागू कर दिया.
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संशोधन के तहत वेतनमान में कुछ ग्रेड पे जोड़ी गई, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो गया. वहीं राज्य सरकार ने जुलाई 2013 के बाद कर्मचारियों को दिए गए अधिक वेतन की रिकवरी निकाल दी. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने रिकवरी निकालने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.