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राजस्थान हाई कोर्टः लाइब्रेरियन भर्ती के दिव्यांग कोटे में नियुक्ति देने पर रोक - दिव्यांग कोटे में नियुक्ति देने पर रोक

राजस्थान हाई कोर्ट ने लाइब्रेरियन भर्ती के दिव्यांग कोटे में नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है. साथ ही प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब मांगा है.

राजस्थान हाई कोर्ट, Rajasthan High Court
लाइब्रेरियन भर्ती के दिव्यांग कोटे में नियुक्ति देने पर रोक
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Published : Sep 14, 2021, 8:50 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने लाइब्रेरियन भर्ती के दिव्यांग कोटे में नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है. साथ ही प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब मांगा है. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ भी कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाए. न्यायाधीश अरुण भंसाली ने यह आदेश मनीष बडबडवाल की याचिका पर दिए.

पढ़ेंः BVG कंपनी रिश्वत मामलाः राजाराम गुर्जर ने हाईकोर्ट से मांगी जमानत, कुछ दिनों में होगी सुनवाई

याचिका में अधिवक्ता महिपाल सिंह खर्रा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का लाइब्रेरियन भर्ती के दिव्यांग कोटे में चयन होने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन हो गया था. इसके बाद उसकी नियुक्ति की अनुशंसा भी कर दी गई, लेकिन बाद में पात्रता जांच लंबित बताते हुए उसका चयन रद्द कर दिया.

याचिका में कहा गया कि भर्ती बोर्ड ने दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद ही उसकी नियुक्ति की अनुशंसा की थी. ऐेसे में उसका चयन रद्द करने की कार्रवाई गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दिव्यांग कोटे में नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने लाइब्रेरियन भर्ती के दिव्यांग कोटे में नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है. साथ ही प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब मांगा है. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ भी कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाए. न्यायाधीश अरुण भंसाली ने यह आदेश मनीष बडबडवाल की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता महिपाल सिंह खर्रा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का लाइब्रेरियन भर्ती के दिव्यांग कोटे में चयन होने के बाद दस्तावेजों का सत्यापन हो गया था. इसके बाद उसकी नियुक्ति की अनुशंसा भी कर दी गई, लेकिन बाद में पात्रता जांच लंबित बताते हुए उसका चयन रद्द कर दिया.

याचिका में कहा गया कि भर्ती बोर्ड ने दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद ही उसकी नियुक्ति की अनुशंसा की थी. ऐेसे में उसका चयन रद्द करने की कार्रवाई गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दिव्यांग कोटे में नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है.

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