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Rajasthan High Court: प्रेमिका को मिली आजीवन कारावास की सजा स्थगित - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रेमी की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा (Rajasthan High Court postpones life sentence ) भुगत रही प्रेमिका की सजा को स्थगित कर दिया है. कोर्ट ने यह आदेश बजंती की आपराधिक याचिका पर दिया है.

Hearing in Rajasthan High Court,  hearing of criminal petition
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Apr 14, 2022, 6:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रेमी की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रही 22 साल की प्रेमिका की (Rajasthan High Court postpones life sentence ) सजा को स्थगित कर दिया है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश बजंती की आपराधिक याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता आरआर गोयल ने अदालत को बताया कि 19 मार्च 2019 को दौसा के नंगला राजावतान थाने में पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह रात को सोने के लिए खेत पर गया था. सुबह पता चला कि उसके बेटे जगदीश की किसी ने हत्या कर दी है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बजंती उसके भाई हंसराज और मां स्वरूपी को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. ट्रायल के दौरान सामने आया कि घटना के दिन बजंती और मृतक के बीच मोबाइल पर 18 बार बातचीत हुई थी.

वहीं डिस्ट्रिक्ट जज दौसा ने 23 अक्टूबर 2019 को बजंती को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए बाकी दोनों आरोपियों को बरी कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि केवल कॉल करने से हत्या नहीं हो सकती है. हत्या के लिए मौके पर उपस्थिति जरूरी है, लेकिन मामले में याचिकाकर्ता की उपस्थिति साबित नहीं हुई है और मृतक का शव भी याचिकाकर्ता के घर नहीं मिला है. इसके अलावा हाईकोर्ट में प्रकरण की सुनवाई में समय लगेगा. इसलिए याचिकाकर्ता को मिली सजा को स्थगित किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रेमी की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रही 22 साल की प्रेमिका की (Rajasthan High Court postpones life sentence ) सजा को स्थगित कर दिया है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश बजंती की आपराधिक याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता आरआर गोयल ने अदालत को बताया कि 19 मार्च 2019 को दौसा के नंगला राजावतान थाने में पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह रात को सोने के लिए खेत पर गया था. सुबह पता चला कि उसके बेटे जगदीश की किसी ने हत्या कर दी है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बजंती उसके भाई हंसराज और मां स्वरूपी को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. ट्रायल के दौरान सामने आया कि घटना के दिन बजंती और मृतक के बीच मोबाइल पर 18 बार बातचीत हुई थी.

वहीं डिस्ट्रिक्ट जज दौसा ने 23 अक्टूबर 2019 को बजंती को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए बाकी दोनों आरोपियों को बरी कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि केवल कॉल करने से हत्या नहीं हो सकती है. हत्या के लिए मौके पर उपस्थिति जरूरी है, लेकिन मामले में याचिकाकर्ता की उपस्थिति साबित नहीं हुई है और मृतक का शव भी याचिकाकर्ता के घर नहीं मिला है. इसके अलावा हाईकोर्ट में प्रकरण की सुनवाई में समय लगेगा. इसलिए याचिकाकर्ता को मिली सजा को स्थगित किया जाए.

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