जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में चयनित संविदा कर्मियों को अन्य चयनित अभ्यर्थियों के समान वरिष्ठता व वेतन परिलाभ देने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश अरुण भंसाली ने यह आदेश रामराज मीणा व अन्य की याचिकाओं पर दिए.
पढ़ें-कांग्रेस सरकार ने विधायकों को बना दिया वसूली अधिकारी, भाजपा कार्यकर्ताओं को किया जा रहा टारगेट: जवाहर सिंह बेढम
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पूर्व में संविदा पर कार्यरत थे. नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में याचिकाकर्ताओं का अन्य फ्रेश अभ्यर्थियों के साथ चयन हुआ. राज्य सरकार ने फ्रेश अभ्यर्थियों को अप्रैल 2020 में नियुक्ति दे दी, लेकिन कोरोना के चलते याचिकाकर्ताओं को संविदा वाले पद पर ही काम करने के निर्देश दिए गए थे.
याचिकाकर्ताओं की अक्टूबर 2020 में हुई थी नियुक्ति
राज्य सरकार ने अक्टूबर 2020 में याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति दी. याचिका में कहा गया कि समान भर्ती में चयनित होने के बावजूद देरी से नियुक्ति देने के चलते याचिकाकर्ता फ्रेश अभ्यर्थियों से कनिष्ठ हो गए. ऐसे में उन्हें भी अन्य अभ्यर्थियों के समान वरिष्ठता और वेतन परिलाभ दिए जाए.