ETV Bharat / city

Rajasthan High Court : वरिष्ठ सहायकों को नोशनल परिलाभ देने के आदेश - Rajasthan Hindi News

राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 1986 की एलडीसी भर्ती में चयनित होने के (Rajasthan High Court) 14 साल बाद नियुक्त याचिकाकर्ता को वरिष्ठ सहायकों को वरिष्ठता, चयनित वेतनमान और वार्षिक वेतन वृद्धि को लेकर नोशनल परिलाभ अदा करने को कहा है.

Rajasthan High Court
वरिष्ठ सहायकों को नोशनल परिलाभ देने के आदेश
author img

By

Published : Jul 9, 2022, 5:37 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने वर्ष 1986 की एलडीसी भर्ती में चयनित होने के बाद साल 2000 में नियुक्त याचिकाकर्ता वरिष्ठ सहायकों को वरिष्ठता, चयनित वेतनमान और वार्षिक वेतन वृद्धि को लेकर नोशनल परिलाभ अदा करने को कहा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने ये आदेश ओमप्रकाश राठी और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1986 में आयोजित एलडीसी भर्ती परीक्षा में सफल हुए थे, लेकिन उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई. वहीं वर्ष 1991 में याचिकाकर्ताओं से कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दे दी गई. इसके बाद याचिकाकर्ताओं को साल 2000 में नियुक्ति दी गई थी. जिसके चलते याचिकाकर्ता अपने से कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों से दस साल कनिष्ठ रह गए.

पढ़ें. रिलीव नहीं हुए तो एसडीआरएफ कमांडेंट के पद पर कार्य करते रहेंगे आईपीएस चौधरी

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं को देरी से नियुक्ति देने में उनका कोई दोष नहीं है. इसके अलावा एक ही भर्ती विज्ञापन में चयनित अभ्यर्थियों के बीच भेदभाव भी नहीं किया जा सकता. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को भी पूर्व में नियुक्त अभ्यर्थियों के समान वरिष्ठता, चयनित वेतनमान और वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को नोशनल परिलाभ अदा करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने वर्ष 1986 की एलडीसी भर्ती में चयनित होने के बाद साल 2000 में नियुक्त याचिकाकर्ता वरिष्ठ सहायकों को वरिष्ठता, चयनित वेतनमान और वार्षिक वेतन वृद्धि को लेकर नोशनल परिलाभ अदा करने को कहा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने ये आदेश ओमप्रकाश राठी और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1986 में आयोजित एलडीसी भर्ती परीक्षा में सफल हुए थे, लेकिन उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई. वहीं वर्ष 1991 में याचिकाकर्ताओं से कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दे दी गई. इसके बाद याचिकाकर्ताओं को साल 2000 में नियुक्ति दी गई थी. जिसके चलते याचिकाकर्ता अपने से कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों से दस साल कनिष्ठ रह गए.

पढ़ें. रिलीव नहीं हुए तो एसडीआरएफ कमांडेंट के पद पर कार्य करते रहेंगे आईपीएस चौधरी

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं को देरी से नियुक्ति देने में उनका कोई दोष नहीं है. इसके अलावा एक ही भर्ती विज्ञापन में चयनित अभ्यर्थियों के बीच भेदभाव भी नहीं किया जा सकता. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को भी पूर्व में नियुक्त अभ्यर्थियों के समान वरिष्ठता, चयनित वेतनमान और वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को नोशनल परिलाभ अदा करने को कहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.