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राजस्थान हाई कोर्टः झुंझुनूं की देरवाला पहाड़ी में अवैध खनन रोकने के आदेश - Illegal Mining

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह झुंझुनूं के देरवाला पहाड़ी में हो रहे अवैध खनन को रोके. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश सुरेंद्र कुमार और अन्य की जनहित याचिका पर दिए.

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Published : Aug 27, 2021, 10:25 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह झुंझुनूं के देरवाला पहाड़ी में हो रहे अवैध खनन को रोके. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश सुरेंद्र कुमार और अन्य की जनहित याचिका पर दिए. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई.

अदालत ने कहा कि गत वर्ष 18 सितंबर को राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था, लेकिन अब तक जवाब पेश नहीं किया गया और महाधिवक्ता फिर से दो सप्ताह का समय मांग रहे हैं. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दो सप्ताह में जवाब पेश नहीं करने पर प्रकरण को बिना जवाब के ही सुन लिया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः सियासी बगावत का असर : 13 महीने बाद भी कांग्रेस के हरावल दस्तों सेवादल और NSUI की नहीं बन सकी कार्यकारिणी

याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और अधिवक्ता हिमांशु ठोलिया ने बताया कि देरवाला पहाड़ी पर खननकर्ता अपने आवंटित इलाके से बाहर जाकर खनन कर रहे हैं. स्थानीय एसडीएम ने भी अपनी रिपोर्ट में अवैध खनन माना है. अवैध खनन के चलते यहां स्थित प्राकृतिक जलाशय में पानी आना बंद हो गया है. इसके साथ ही आसपास के मंदिरों में दरारें आ गई हैं.

याचिका में कहा गया कि दिसंबर 2019 में खान अभियंता ने भी इसे अवैध खनन माना था और कलेक्टर भी एसपी को इसे रोकने के लिए पत्र लिख चुके हैं. इसके बावजूद यहां अब तक अवैध खनन नहीं रोका गया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह झुंझुनूं के देरवाला पहाड़ी में हो रहे अवैध खनन को रोके. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश सुरेंद्र कुमार और अन्य की जनहित याचिका पर दिए. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई.

अदालत ने कहा कि गत वर्ष 18 सितंबर को राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था, लेकिन अब तक जवाब पेश नहीं किया गया और महाधिवक्ता फिर से दो सप्ताह का समय मांग रहे हैं. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दो सप्ताह में जवाब पेश नहीं करने पर प्रकरण को बिना जवाब के ही सुन लिया जाएगा.

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याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और अधिवक्ता हिमांशु ठोलिया ने बताया कि देरवाला पहाड़ी पर खननकर्ता अपने आवंटित इलाके से बाहर जाकर खनन कर रहे हैं. स्थानीय एसडीएम ने भी अपनी रिपोर्ट में अवैध खनन माना है. अवैध खनन के चलते यहां स्थित प्राकृतिक जलाशय में पानी आना बंद हो गया है. इसके साथ ही आसपास के मंदिरों में दरारें आ गई हैं.

याचिका में कहा गया कि दिसंबर 2019 में खान अभियंता ने भी इसे अवैध खनन माना था और कलेक्टर भी एसपी को इसे रोकने के लिए पत्र लिख चुके हैं. इसके बावजूद यहां अब तक अवैध खनन नहीं रोका गया है.

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