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Rajasthan High Court Order : गैंग्सटर लॉरेंस बिश्नोई पर वीसी से आरोप तय करने पर मांगा जवाब... - Rajasthan Hindi News

राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के एक बिल्डर से एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगने के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोप तय करने पर राज्य सरकार और शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है. जस्टिस बीरेन्द्र कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश लॉरेंस (Rajasthan High Court Order) बिश्नोई की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट...
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Published : Jul 11, 2022, 10:47 PM IST

जयपुर. याचिका में कहा गया कि जयपुर मेट्रो-प्रथम की एमएम कोर्ट-7 ने 6 मई 2022 को याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र सहित धमकाने व अन्य धाराओं में (Action Against Gangster Lawrence Bishnoi) वीसी के जरिए सुनवाई कर आरोप तय किए थे. आरोपी ने कोर्ट से चार्ज तय करने के दौरान व्यक्तिगत तौर पर पेश करने का आग्रह किया था, लेकिन उसे चार्ज तय करने के दौरान व्यक्तिगत पेशी की मंजूरी नहीं दी गई और इसकी तय कानूनी प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई.

इतना ही नहीं निचली कोर्ट ने आरोपी से आदेश पर दस्तखत भी नहीं करवाए और उसे लगाए गए चार्ज को पढ़कर भी नहीं सुनाया गया, जबकि सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुसार लगाए जा रहे चार्ज को आरोपी को भी पढ़ाया जाता है और उससे पूछा जाता है कि वह इन आरोपों को स्वीकार करता है या नहीं. जबकि मामले में याचिकाकर्ता पर वीसी के जरिए चार्ज तय करते हुए तय कानूनी प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया गया. उसे वीसी के दौरान आवाज भी स्पष्ट सुनाई नहीं दे रही थी.

पढ़ें : Rajasthan High Court: पुलिस विभाग में रिक्त पदों को लेकर हाईकोर्ट गंभीर, राज्य सरकार को नया हलफनामा पेश करने के दिए निर्देश

याचिका में कहा गया कि चार्ज तय करने के दौरान उसकी व्यक्तिगत पेशी जरूरी थी, ताकि उससे ट्रायल के संबंध में स्वीकृति देने या नहीं देने पर मत जाना जा सके. इसलिए निचली कोर्ट का चार्ज तय करने वाले आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार व शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है. गौरतलब है कि सितंबर 2021 में जवाहर नगर निवासी बिल्डर ने पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था कि 7 सितंबर को उसके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सअप कॉल आया था. फोन करने वाला अपने आप को लॉरेंस बिश्नोई बताते हुए जेल से बात करना बताया और एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी.

जयपुर. याचिका में कहा गया कि जयपुर मेट्रो-प्रथम की एमएम कोर्ट-7 ने 6 मई 2022 को याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र सहित धमकाने व अन्य धाराओं में (Action Against Gangster Lawrence Bishnoi) वीसी के जरिए सुनवाई कर आरोप तय किए थे. आरोपी ने कोर्ट से चार्ज तय करने के दौरान व्यक्तिगत तौर पर पेश करने का आग्रह किया था, लेकिन उसे चार्ज तय करने के दौरान व्यक्तिगत पेशी की मंजूरी नहीं दी गई और इसकी तय कानूनी प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई.

इतना ही नहीं निचली कोर्ट ने आरोपी से आदेश पर दस्तखत भी नहीं करवाए और उसे लगाए गए चार्ज को पढ़कर भी नहीं सुनाया गया, जबकि सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुसार लगाए जा रहे चार्ज को आरोपी को भी पढ़ाया जाता है और उससे पूछा जाता है कि वह इन आरोपों को स्वीकार करता है या नहीं. जबकि मामले में याचिकाकर्ता पर वीसी के जरिए चार्ज तय करते हुए तय कानूनी प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया गया. उसे वीसी के दौरान आवाज भी स्पष्ट सुनाई नहीं दे रही थी.

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याचिका में कहा गया कि चार्ज तय करने के दौरान उसकी व्यक्तिगत पेशी जरूरी थी, ताकि उससे ट्रायल के संबंध में स्वीकृति देने या नहीं देने पर मत जाना जा सके. इसलिए निचली कोर्ट का चार्ज तय करने वाले आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार व शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है. गौरतलब है कि सितंबर 2021 में जवाहर नगर निवासी बिल्डर ने पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था कि 7 सितंबर को उसके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सअप कॉल आया था. फोन करने वाला अपने आप को लॉरेंस बिश्नोई बताते हुए जेल से बात करना बताया और एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी.

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