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Rajasthan High Court Order: अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर 10 जनवरी तक रोक

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court Order) ने कोटपूतली नगर पालिका पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है. उच्च न्यायालय ने इस पर 10 जनवरी तक रोक लगा दी है.

Rajasthan High Court Order
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Published : Dec 27, 2021, 8:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court Order) ने कोटपूतली नगर पालिका की ओर से कस्बे में याचिकाकर्ताओं की संपत्ति में की जा रही तोड़फोड़ और बेदखली की कार्रवाई पर दस जनवरी तक अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को अलग-अलग याचिकाएं पेश करने की अनुमति दी है. अदालत ने कहा कि इस दौरान नगर पालिका पूर्व में जारी किए गए नोटिस पर सुनवाई करने के लिए स्वतंत्र है.

न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की विशेष एकलपीठ ने यह आदेश अशोक कुमार शर्मा व 24 अन्य की याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अदालती रोक दस जनवरी के बाद स्वत: ही हट जाएगी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के कोटपूतली कस्बे में अलग-अलग जगह बनी हुई इमारतें हैं. नगर पालिका इन्हें अवाप्त किए बिना और बिना विधिक प्रक्रिया अपनाएं तोड़ने और उन्हें संपत्ति से बेदखल करने पर आमादा है. ऐसे में नगर पालिका की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.

पढ़ें. Rajasthan High Court: गोविंद देवजी मंदिर परिसर की दुकानों में तोड़फोड़ पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

इसका विरोध करते हुए एएजी अनिल मेहता ने कहा कि नगर पालिका ने याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किए थे. ऐसे में वे वहां अपना पक्ष रख सकते हैं. इसके अलावा सभी याचिकाकर्ताओं की संपत्ति और दस्तावेज अलग-अलग हैं. इसलिए सभी की संयुक्त रूप से पेश याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती है. इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि वे दस जनवरी तक अलग-अलग याचिकाएं पेश कर देंगे, लेकिन तब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाए.

इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दस जनवरी तक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए अलग-अलग याचिकाएं पेश करने की छूट दी है. वहीं अदालत ने समान मामले में ओम सिंह व हेमंत सिंह की ओर से पेश याचिका पर सुनवाई करते हुए 16 जनवरी तक बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए बेदखली पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court Order) ने कोटपूतली नगर पालिका की ओर से कस्बे में याचिकाकर्ताओं की संपत्ति में की जा रही तोड़फोड़ और बेदखली की कार्रवाई पर दस जनवरी तक अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को अलग-अलग याचिकाएं पेश करने की अनुमति दी है. अदालत ने कहा कि इस दौरान नगर पालिका पूर्व में जारी किए गए नोटिस पर सुनवाई करने के लिए स्वतंत्र है.

न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की विशेष एकलपीठ ने यह आदेश अशोक कुमार शर्मा व 24 अन्य की याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अदालती रोक दस जनवरी के बाद स्वत: ही हट जाएगी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के कोटपूतली कस्बे में अलग-अलग जगह बनी हुई इमारतें हैं. नगर पालिका इन्हें अवाप्त किए बिना और बिना विधिक प्रक्रिया अपनाएं तोड़ने और उन्हें संपत्ति से बेदखल करने पर आमादा है. ऐसे में नगर पालिका की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.

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इसका विरोध करते हुए एएजी अनिल मेहता ने कहा कि नगर पालिका ने याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किए थे. ऐसे में वे वहां अपना पक्ष रख सकते हैं. इसके अलावा सभी याचिकाकर्ताओं की संपत्ति और दस्तावेज अलग-अलग हैं. इसलिए सभी की संयुक्त रूप से पेश याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती है. इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि वे दस जनवरी तक अलग-अलग याचिकाएं पेश कर देंगे, लेकिन तब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाए.

इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दस जनवरी तक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए अलग-अलग याचिकाएं पेश करने की छूट दी है. वहीं अदालत ने समान मामले में ओम सिंह व हेमंत सिंह की ओर से पेश याचिका पर सुनवाई करते हुए 16 जनवरी तक बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए बेदखली पर रोक लगा दी है.

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