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Rajasthan High Court: पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति में भेदभाव क्यों?

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए (Rajasthan High Court issued notice to Home Department ) गृह विभाग और कार्मिक विभाग को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पूछा है कि एक आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए गए पुलिसकर्मियों को पदोन्नति देने में भेदभाव क्यों किया जा रहा है?.

Rajasthan High Court issued notice to Home Department
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Feb 9, 2022, 8:27 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 11:28 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह विभाग और कार्मिक विभाग को नोटिस जारी कर पूछा है कि एक ही आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए गए पुलिसकर्मियों को पदोन्नति (promotion of police officers)देने में भेदभाव क्यों किया जा रहा है?. जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश RPS लोकेश सोनवाल की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता आर.के गौतम और अधिवक्ता जी.एस गौतम ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता व एक आईपीएस के खिलाफ वर्ष 2013 में एसीबी में मामला दर्ज हुआ था. याचिका में कहा गया कि विभागीय पदोन्नति कमेटी याचिकाकर्ता को सुपर टाइम स्केल में पदोन्नत करने की सिफारिश कर चुकी है. लेकिन याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज होने का हवाला देते हुए उसे अब तक पदोन्नति नहीं दी गई है.

विभाग ने उसके पदोन्नति आदेश को बंद लिफाफे में रख रखा है. जबकि राज्य सरकार ने मुकदमा लंबित रहने के दौरान आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए गए आईपीएस को पदोन्नति देकर नए पद पर पदस्थापित कर चुकी है. ऐसे में राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह याचिकाकर्ता के पदोन्नति लिफाफे को खोलकर पदोन्नति दे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को (Rajasthan High Court issued notice to Home Department ) नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह विभाग और कार्मिक विभाग को नोटिस जारी कर पूछा है कि एक ही आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए गए पुलिसकर्मियों को पदोन्नति (promotion of police officers)देने में भेदभाव क्यों किया जा रहा है?. जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश RPS लोकेश सोनवाल की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता आर.के गौतम और अधिवक्ता जी.एस गौतम ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता व एक आईपीएस के खिलाफ वर्ष 2013 में एसीबी में मामला दर्ज हुआ था. याचिका में कहा गया कि विभागीय पदोन्नति कमेटी याचिकाकर्ता को सुपर टाइम स्केल में पदोन्नत करने की सिफारिश कर चुकी है. लेकिन याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज होने का हवाला देते हुए उसे अब तक पदोन्नति नहीं दी गई है.

विभाग ने उसके पदोन्नति आदेश को बंद लिफाफे में रख रखा है. जबकि राज्य सरकार ने मुकदमा लंबित रहने के दौरान आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए गए आईपीएस को पदोन्नति देकर नए पद पर पदस्थापित कर चुकी है. ऐसे में राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह याचिकाकर्ता के पदोन्नति लिफाफे को खोलकर पदोन्नति दे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को (Rajasthan High Court issued notice to Home Department ) नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Last Updated : Feb 9, 2022, 11:28 PM IST
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