जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बूंदी की चांदसिंहपुरा ग्राम पंचायत में 24 साल से कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नियमित नहीं करने और वर्तमान में केवल 2400 रुपये प्रति महीने देने पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिव और आयुक्त सहित अन्य से चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है. साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता के खिलाफ किसी प्रकार की विपरीत कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा है.
न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने ये आदेश अंबालाल की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता एक मार्च 1995 को 200 रुपये प्रतिमाह के वेतन पर ग्राम पंचायत में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लगा था. ग्राम पंचायत ने समय-समय पर उसका वेतन बढ़ाया. लेकिन, उसे नियमित नहीं किया गया. वर्तमान में उसे 2400 रुपए प्रति महीने मिल रहे हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि वे 24 साल से नियमित काम कर रहा है और उसका कार्य संतोषजनक रहा है. किसी भी सरपंच ने कभी उसके खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है.
साथ ही याचिका में कहा गया है कि शैक्षणिक योग्यता और पात्रता नहीं होने के बाजवूद उससे वर्तमान में सहायक सचिव के पद का काम भी लिया जा रहा है. लेकिन उसे अब तक नियमित नहीं करके नियमित वेतन श्रृंखला नहीं दी गई है. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.