ETV Bharat / city

प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव सहित तीन अधिकारियों को अवमानना नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद सफाई कर्मचारी की सेवा जारी नहीं रखने पर प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, निदेशक दीपक नंदी और नगर निगम आयुक्त मोहनलाल यादव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

contempt petition in High Court, Rajasthan High Court sent notice of contempt
प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव सहित तीन अधिकारियों को अवमानना नोटिस
author img

By

Published : Dec 21, 2020, 7:40 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद सफाई कर्मचारी की सेवा जारी नहीं रखने पर प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, निदेशक दीपक नंदी और नगर निगम आयुक्त मोहनलाल यादव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश चमेली देवी की अवमानना याचिका पर दिए.

प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव सहित तीन अधिकारियों को अवमानना नोटिस

याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को सितंबर 2018 में सफाई कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति दी गई थी. वहीं 21 मई 2020 को याचिकाकर्ता को ओवर एज बताकर उसकी नियुक्ति रद्द कर दी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2012 में सफाई कर्मचारी के लिए आवेदन किया था. राज्य सरकार ने वर्ष 2018 की भर्ती में पूर्व में आवेदन करने वालों को छूट दी थी.

पढ़ें- शिक्षा मंत्री डोटासरा ने ली शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्यास की बैठक, तीन योजनाओं का किया अनुमोदन

हाईकोर्ट ने गत 13 अगस्त को नियुक्ति आदेश रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी. इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को न तो सेवा में रखा गया और ना ही उसे अब तक वेतन दिया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद सफाई कर्मचारी की सेवा जारी नहीं रखने पर प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, निदेशक दीपक नंदी और नगर निगम आयुक्त मोहनलाल यादव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश चमेली देवी की अवमानना याचिका पर दिए.

प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव सहित तीन अधिकारियों को अवमानना नोटिस

याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को सितंबर 2018 में सफाई कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति दी गई थी. वहीं 21 मई 2020 को याचिकाकर्ता को ओवर एज बताकर उसकी नियुक्ति रद्द कर दी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2012 में सफाई कर्मचारी के लिए आवेदन किया था. राज्य सरकार ने वर्ष 2018 की भर्ती में पूर्व में आवेदन करने वालों को छूट दी थी.

पढ़ें- शिक्षा मंत्री डोटासरा ने ली शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्यास की बैठक, तीन योजनाओं का किया अनुमोदन

हाईकोर्ट ने गत 13 अगस्त को नियुक्ति आदेश रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी. इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को न तो सेवा में रखा गया और ना ही उसे अब तक वेतन दिया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.