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कृषि पर्यवेक्षक, महिला सुपरवाइजर और प्रयोगशाला सहायक भर्ती 2018 में नियुक्तियों को रद्द करने की याचिका खारिज

राजस्थान हाईकोर्ट ने कृषि पर्यवेक्षक, महिला सुपरवाइजर और प्रयोगशाला सहायक भर्ती 2018 में नियुक्तियों को रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही अदालत ने भर्तियों को अंतिम रूप देने पर लगी रोक को भी हटा दिया है.

Rajasthan High Court dismissed petition, राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिका किया खारिज
राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिका किया खारिज
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Published : Jul 23, 2020, 7:00 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कृषि पर्यवेक्षक, महिला सुपरवाइजर और प्रयोगशाला सहायक भर्ती 2018 में नियुक्तियों का रास्ता साफ कर दिया है. हाईकोर्ट ने भर्तियों को रद्द करने की गुहार करते हुए दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने भर्तियों को अंतिम रूप देने पर लगी रोक को भी हटा दिया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश पूजा गोदारा अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.

याचिकाओं में कहा गया कि परिणाम तैयार करने वाली फर्म के कुछ लोगों को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था. जांच में आया कि यह लोग रुपए लेकर अभ्यर्थियों को अधिक अंक दिलाते थे. इसी फर्म ने प्रदेश में कृषि पर्यवेक्षक सहित अन्य भर्तियों का परिणाम तैयार किया था.

ऐसे में इन भर्तियों को भी रद्द कर परीक्षाएं नए सिरे से आयोजित कराई जाए. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कर्मचारी चयन बोर्ड में प्रकरण की शिकायत के बाद टीम गठित की थी. जिसमें विवादित 39 अभ्यर्थियों को अलग कर दिया गया है. वहीं पूर्व में जारी परिणाम में कोई अंतर नहीं आया है.

पढ़ेंः पाली में वाहन चालकों को फूल दे रही पुलिस...जानें क्यों

इसलिए परिणाम जारी करने में कोई धांधली नहीं हुई है. वही संबंधित फर्म की ओर से कहा गया कि प्रकरण में शामिल लोगों को नौकरी से हटाया जा चुका है, सिर्फ कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते यह नहीं माना जा सकता कि फर्म ने सभी भर्तियों में गड़बड़ी की है. इस पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर पूर्व में दिए स्टे को हटा लिया.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कृषि पर्यवेक्षक, महिला सुपरवाइजर और प्रयोगशाला सहायक भर्ती 2018 में नियुक्तियों का रास्ता साफ कर दिया है. हाईकोर्ट ने भर्तियों को रद्द करने की गुहार करते हुए दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने भर्तियों को अंतिम रूप देने पर लगी रोक को भी हटा दिया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश पूजा गोदारा अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.

याचिकाओं में कहा गया कि परिणाम तैयार करने वाली फर्म के कुछ लोगों को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था. जांच में आया कि यह लोग रुपए लेकर अभ्यर्थियों को अधिक अंक दिलाते थे. इसी फर्म ने प्रदेश में कृषि पर्यवेक्षक सहित अन्य भर्तियों का परिणाम तैयार किया था.

ऐसे में इन भर्तियों को भी रद्द कर परीक्षाएं नए सिरे से आयोजित कराई जाए. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कर्मचारी चयन बोर्ड में प्रकरण की शिकायत के बाद टीम गठित की थी. जिसमें विवादित 39 अभ्यर्थियों को अलग कर दिया गया है. वहीं पूर्व में जारी परिणाम में कोई अंतर नहीं आया है.

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इसलिए परिणाम जारी करने में कोई धांधली नहीं हुई है. वही संबंधित फर्म की ओर से कहा गया कि प्रकरण में शामिल लोगों को नौकरी से हटाया जा चुका है, सिर्फ कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते यह नहीं माना जा सकता कि फर्म ने सभी भर्तियों में गड़बड़ी की है. इस पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर पूर्व में दिए स्टे को हटा लिया.

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