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PIL Dismissed: याचिका खारिज कर लगाया 50 हजार रुपए का हर्जाना, झूठा शपथपत्र देने पर भी कार्रवाई...जानिए पूरा मामला - झूठा शपथपत्र देने पर भी कार्रवाई

राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने एक याचिकाकर्ता को समान तथ्यों पर याचिका दाखिल करने और झूठा शपथपत्र पेश करने पर फटकार लगाई है. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया (Rajasthan High court dismissed PIL) है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने ऐसा कर न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है.

Rajasthan High court dismissed PIL of applicant of nurse junior grade
याचिका खारिज कर लगाया 50 हजार रुपए का हर्जाना, झूठा शपथपत्र देने पर भी कार्रवाई...जानिए पूरा मामला
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Published : May 9, 2022, 7:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर स्थित मुख्यपीठ से याचिका खारिज होने के बाद समान तथ्यों पर जयपुर पीठ में याचिका दायर करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए याचिका को खारिज कर दिया (Rajasthan High court dismissed PIL) है.

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका खारिज होने के बाद उन्हीं तथ्यों के आधार पर यहां याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने न सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, बल्कि यह अदालत के साथ धोखाधड़ी भी है. ऐसे में याचिकाकर्ता के खिलाफ अदालत में झूठा शपथपत्र पेश करने की कार्रवाई भी शुरू की जाएगी. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश राजबाला यादव की याचिका को खारिज करते हुए दिए.

पढ़ें: विधायकों की खरीद-फरोख्त का कथित मामला: गहलोत, जोशी के खिलाफ रिवीजन याचिका खारिज

मामले के अनुसार याचिकाकर्ता ने नर्स जूनियर ग्रेड के लिए आवेदन किया था. उसे बोनस अंक नहीं देने पर याचिकाकर्ता ने हाइकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ में याचिका दायर की थी. जिसे कोर्ट ने मेरिट पर सुनकर खारिज कर दिया (Rajasthan High court dismissed PIL of applicant of nurse junior grade) था. वहीं याचिका खारिज होने के बाद राजबाला ने जयपुर पीठ में नियमों को चुनौती देते हुए याचिका पेश कर दी. याचिका के साथ याचिकाकर्ता ने एक शपथपत्र भी दिया कि उसने इस मामले में पहले कोई याचिका नहीं लगाई और ना ही मामले में उनकी कोई याचिका लंबित है.

पढ़ें: Rajasthan High Court: पूर्व मुख्यमंत्री को बंगला देने से जुड़ी अवमानना याचिका खारिज...वरिष्ठ विधायक के नाते दिया गया आवास- राज्य सरकार

सुनवाई के दौरान आयुर्वेद विश्वविद्यालय की ओर से अधिवक्ता विशेष शर्मा ने अदालत को बताया कि एक ओर तो याचिकाकर्ता ने शपथपत्र देकर अन्य याचिका लंबित नहीं होने की जानकारी दी है, वहीं दूसरी ओर समान तथ्यों के आधार पर दायर याचिका को कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने इस संबंध में उन्हें भी यह जानकारी नहीं दी थी. ऐसे में वे अब याचिका की सुनवाई से अलग हो रहे हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिका को हर्जाने के साथ खारिज करते हुए झूठा शपथपत्र पेश करने पर अलग से कार्रवाई शुरू करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर स्थित मुख्यपीठ से याचिका खारिज होने के बाद समान तथ्यों पर जयपुर पीठ में याचिका दायर करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए याचिका को खारिज कर दिया (Rajasthan High court dismissed PIL) है.

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका खारिज होने के बाद उन्हीं तथ्यों के आधार पर यहां याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने न सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, बल्कि यह अदालत के साथ धोखाधड़ी भी है. ऐसे में याचिकाकर्ता के खिलाफ अदालत में झूठा शपथपत्र पेश करने की कार्रवाई भी शुरू की जाएगी. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश राजबाला यादव की याचिका को खारिज करते हुए दिए.

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मामले के अनुसार याचिकाकर्ता ने नर्स जूनियर ग्रेड के लिए आवेदन किया था. उसे बोनस अंक नहीं देने पर याचिकाकर्ता ने हाइकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ में याचिका दायर की थी. जिसे कोर्ट ने मेरिट पर सुनकर खारिज कर दिया (Rajasthan High court dismissed PIL of applicant of nurse junior grade) था. वहीं याचिका खारिज होने के बाद राजबाला ने जयपुर पीठ में नियमों को चुनौती देते हुए याचिका पेश कर दी. याचिका के साथ याचिकाकर्ता ने एक शपथपत्र भी दिया कि उसने इस मामले में पहले कोई याचिका नहीं लगाई और ना ही मामले में उनकी कोई याचिका लंबित है.

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सुनवाई के दौरान आयुर्वेद विश्वविद्यालय की ओर से अधिवक्ता विशेष शर्मा ने अदालत को बताया कि एक ओर तो याचिकाकर्ता ने शपथपत्र देकर अन्य याचिका लंबित नहीं होने की जानकारी दी है, वहीं दूसरी ओर समान तथ्यों के आधार पर दायर याचिका को कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने इस संबंध में उन्हें भी यह जानकारी नहीं दी थी. ऐसे में वे अब याचिका की सुनवाई से अलग हो रहे हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिका को हर्जाने के साथ खारिज करते हुए झूठा शपथपत्र पेश करने पर अलग से कार्रवाई शुरू करने को कहा है.

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