जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी कॉलेजों की ओर से तय सीटों से अधिक पर विद्यार्थियों को दिए गए एडमिशन को नियमित करने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने कॉलेज प्रशासन को कहा है कि विद्यार्थियों का एक साल खराब करने के कारण उनसे वसूली गई फीस दस हजार रुपए के हर्जाने के साथ लौटाए. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश टोंक जिले की आरएनटी मेमोरियल कॉलेज, विवेक महाविद्यालय और शिव महाविद्यालय की याचिका को खारिज करते हुए दिए.
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अवैध एडमिशन को लेकर कोर्ट की कोई सहानुभूति नहीं है. कानूनन इन सीटों पर हुए एडमिशन को स्वीकार नहीं किया जा सकता. अदालत ने कहा कि विद्यार्थियों को भी देखना चाहिए कि जहां वे प्रवेश ले रहे हैं, वे स्वीकृत सीटें हैं या नहीं.
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याचिका में कहा गया था कि कॉलेज के निरीक्षण के बाद टीम ने अपनी 16 जून 2020 की रिपोर्ट में बीए की 80 सीट और बीएससी की 70 सीटों को बढ़ाने की सिफारिश की थी. इस रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज प्रशासन ने यह अंदाजा लगाया था कि कॉलेज शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय भी सीटें बढ़ाने के पक्ष में अनुमति दे देगा. इसके चलते ही याचिकाकर्ता कॉलेज ने अधिक सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश दे दिए. ऐसे में इन विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल कराया जाए, जिसे खारिज करते हुए एकलपीठ ने वसूली गई फीस हर्जाने सहित लौटाने के आदेश दिए हैं.