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Rajasthan High Court: पुराने प्रावधानों के तहत जारी पुनः कर निर्धारण नोटिस किए रद्द

राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आयकर विभाग की ओर से पुनः कर निर्धारण (old provisions Tax assessment notices) के नोटिसों को रद्द कर दिया है. साथ ही अदालत ने करदाताओं की याचिकाओं को स्वीकार कर लिया.

old provisions Tax assessment notices
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Jan 29, 2022, 9:25 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 11:08 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आयकर विभाग की ओर से वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 की पांच साल की अवधि के (Rajasthan High Court canceled Tax assessment notices) लिए धारा 148 के तहत एक अप्रैल 2021 के बाद जारी किए पुनः कर निर्धारण (old provisions Tax assessment notices) के नोटिसों को रद्द कर दिया है. अदालत ने कहा कि एक अप्रैल 2021 को कानून में संशोधन हो गया है. ऐसे में पुराने कानून के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती. सीजे अकील कुरेशी और जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश रोहित कुमार सोनी व 470 अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता महेंद्र गार्गेय अग्रवाल व अन्य ने अदालत को बताया कि विभाग ने सीबीडीटी के एक निर्देश की पालना में याचिकाकर्ता करदाताओं को पांच साल की अवधि के लिए धारा 148 के तहत पुन: कर निर्धारण के नोटिस जारी किए थे. नोटिस को चुनौती देते हुए कहा गया कि आयकर कानून में विभाग को 31 मार्च 2021 तक छह साल पुराने मामलों में जांच करने का अधिकार था.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: उर्दू में एडिशनल बीए वाले अभ्यर्थी को शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं करने पर मांगा जवाब

लेकिन एक अप्रैल 2021 को कानून में बदलाव कर इस समयावधि को तीन साल कर दिया गया था. विभाग ने राजस्व नुकसान की आशंका को देखते हुए एक अधिसूचना जारी कर पुराने मामलों की जांच के लिए समय सीमा 1 अप्रैल 2021 से 3 जून 2021 तय करते हुए सैकड़ों करदाताओं को धारा 148 के नोटिस जारी कर दिए. याचिकाओं में कहा गया कि जब कानून में बदलाव हो चुका तो केवल अधिसूचना के आधार पर विभाग पुराने कानून के तहत कार्रवाई नहीं कर सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने इस संबंध में एकलपीठ की ओर से दिए आदेश को विधि सम्मत बताते हुए विभाग की अपील (Rajasthan High Court canceled Tax assessment notices) को रद्द कर दिया और करदाताओं की याचिकाओं को स्वीकार कर लिया.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आयकर विभाग की ओर से वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 की पांच साल की अवधि के (Rajasthan High Court canceled Tax assessment notices) लिए धारा 148 के तहत एक अप्रैल 2021 के बाद जारी किए पुनः कर निर्धारण (old provisions Tax assessment notices) के नोटिसों को रद्द कर दिया है. अदालत ने कहा कि एक अप्रैल 2021 को कानून में संशोधन हो गया है. ऐसे में पुराने कानून के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती. सीजे अकील कुरेशी और जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश रोहित कुमार सोनी व 470 अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता महेंद्र गार्गेय अग्रवाल व अन्य ने अदालत को बताया कि विभाग ने सीबीडीटी के एक निर्देश की पालना में याचिकाकर्ता करदाताओं को पांच साल की अवधि के लिए धारा 148 के तहत पुन: कर निर्धारण के नोटिस जारी किए थे. नोटिस को चुनौती देते हुए कहा गया कि आयकर कानून में विभाग को 31 मार्च 2021 तक छह साल पुराने मामलों में जांच करने का अधिकार था.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: उर्दू में एडिशनल बीए वाले अभ्यर्थी को शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं करने पर मांगा जवाब

लेकिन एक अप्रैल 2021 को कानून में बदलाव कर इस समयावधि को तीन साल कर दिया गया था. विभाग ने राजस्व नुकसान की आशंका को देखते हुए एक अधिसूचना जारी कर पुराने मामलों की जांच के लिए समय सीमा 1 अप्रैल 2021 से 3 जून 2021 तय करते हुए सैकड़ों करदाताओं को धारा 148 के नोटिस जारी कर दिए. याचिकाओं में कहा गया कि जब कानून में बदलाव हो चुका तो केवल अधिसूचना के आधार पर विभाग पुराने कानून के तहत कार्रवाई नहीं कर सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने इस संबंध में एकलपीठ की ओर से दिए आदेश को विधि सम्मत बताते हुए विभाग की अपील (Rajasthan High Court canceled Tax assessment notices) को रद्द कर दिया और करदाताओं की याचिकाओं को स्वीकार कर लिया.

Last Updated : Jan 29, 2022, 11:08 PM IST
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