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कोरोना और ब्लैक फंगस से मारे गए लोगों के आश्रितों को क्षतिपूर्ति क्यों नहीं, राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान ने कोरोना और ब्लैक फंगस से मारे गए लोगों के आश्रितों को क्षतिपूर्ति नहीं दिए जाने पर जवाब मांगा है. केन्द्र सरकार के सहयोग से बनाए गए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से कोरोना और ब्लैक फंगस से पीड़ित को चार लाख रुपए की सहायता देने का प्रावधान है.

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राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Jul 21, 2021, 7:37 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय और राज्य के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पूछा है कि कोरोना और ब्लैक फंगस से मारे गए लोगों के आश्रितों को स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से क्षतिपूर्ति क्यों नहीं दी जा रही है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश तनय जैन की जनहित याचिका पर दिए हैं.

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने कोरोना और ब्लैक फंगस को आपदा घोषित कर रखा है. वहीं केन्द्र सरकार के सहयोग से बनाए गए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से कोरोना और ब्लैक फंगस के चलते मारे गए लोगों के आश्रितों को क्षतिपूर्ति नहीं दी जा रही, जबकि गाइड लाइन के अनुसार इस फंड की 25 फीसदी राशि का उपयोग क्षतिपूर्ति देने में किया जा सकता है.

पढ़ें: 8वीं क्लास तक की ऑनलाइन क्लास के खिलाफ याचिका पर दखल से Rajasthan High Court का इनकार

इसके अलावा फंड से पीड़ित को चार लाख रुपए की सहायता देने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए करीब 19 सौ करोड़ रुपए स्वीकृत कर नवंबर 2020 तक करीब 740 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए हैं. याचिका में कहा गया कि कोरोना और ब्लैक फंगस के चलते प्रदेश में कई लोगों की मौत हुई है. मारे गए लोगों में से कई घर से कमाऊ सदस्य भी थे. ऐसे में उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय और राज्य के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पूछा है कि कोरोना और ब्लैक फंगस से मारे गए लोगों के आश्रितों को स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से क्षतिपूर्ति क्यों नहीं दी जा रही है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश तनय जैन की जनहित याचिका पर दिए हैं.

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने कोरोना और ब्लैक फंगस को आपदा घोषित कर रखा है. वहीं केन्द्र सरकार के सहयोग से बनाए गए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से कोरोना और ब्लैक फंगस के चलते मारे गए लोगों के आश्रितों को क्षतिपूर्ति नहीं दी जा रही, जबकि गाइड लाइन के अनुसार इस फंड की 25 फीसदी राशि का उपयोग क्षतिपूर्ति देने में किया जा सकता है.

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इसके अलावा फंड से पीड़ित को चार लाख रुपए की सहायता देने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए करीब 19 सौ करोड़ रुपए स्वीकृत कर नवंबर 2020 तक करीब 740 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए हैं. याचिका में कहा गया कि कोरोना और ब्लैक फंगस के चलते प्रदेश में कई लोगों की मौत हुई है. मारे गए लोगों में से कई घर से कमाऊ सदस्य भी थे. ऐसे में उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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