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कोविड मरीजों के इलाज की सूचनाएं देने के लिए क्या कर रही है सरकार: HC

राजस्थान हाईकोर्ट ने अधिकारियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि कोरोना मरीजों के इलाज और उनके परिजनों को उनकी सूचना देने के लिए क्या किया जा रहा है.

Rajasthan High Court News, Notice of treatment to relatives
कोविड मरीजों का इलाज की सूचना
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Published : Sep 3, 2020, 8:49 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य स्वास्थ्य सचिव और प्रमुख आईटी सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज सहित अन्य सूचनाएं उनके परिजनों को देने के लिए क्या किया जा रहा है. साथ ही अदालत ने यह भी बताने को कहा है कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए आदेशों की पालना में क्या कार्रवाई हुई है.

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश सूरज महावर की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता शालिनी श्योराण ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने गत 19 जून को सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए थे कि वे कोरोना मरीजों के लिए विशेषज्ञ कमेटी का गठन करें. इसके साथ ही कोरोना अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे और हेल्पडेस्क लगाने के साथ ही परिसर में एक सीमा तक मरीज के अटेंडेंट को रहने की अनुमति दें.

पढ़ें- राजस्थान में कांग्रेस सरकार इसलिए मैं सुरक्षित, प्रियंका ने की मदद : कफील खान

याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने इसकी पालना में कोई कदम नहीं उठाए हैं. हर मरीज और उसके परिजन को यह जानने का अधिकार है कि मरीज को कैसा इलाज और दवा दी जा रही है. याचिका में यह भी कहा गया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से कोविड के इलाज के दौरान मरीज की मौत होने पर उसकी सूचना भी नहीं दी जाती. इसके अलावा इलाज के दौरान उन्हें उचित सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य स्वास्थ्य सचिव और प्रमुख आईटी सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज सहित अन्य सूचनाएं उनके परिजनों को देने के लिए क्या किया जा रहा है. साथ ही अदालत ने यह भी बताने को कहा है कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए आदेशों की पालना में क्या कार्रवाई हुई है.

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश सूरज महावर की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता शालिनी श्योराण ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने गत 19 जून को सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए थे कि वे कोरोना मरीजों के लिए विशेषज्ञ कमेटी का गठन करें. इसके साथ ही कोरोना अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे और हेल्पडेस्क लगाने के साथ ही परिसर में एक सीमा तक मरीज के अटेंडेंट को रहने की अनुमति दें.

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याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने इसकी पालना में कोई कदम नहीं उठाए हैं. हर मरीज और उसके परिजन को यह जानने का अधिकार है कि मरीज को कैसा इलाज और दवा दी जा रही है. याचिका में यह भी कहा गया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से कोविड के इलाज के दौरान मरीज की मौत होने पर उसकी सूचना भी नहीं दी जाती. इसके अलावा इलाज के दौरान उन्हें उचित सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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