ETV Bharat / city

राजस्थान हाईकोर्टः बीसलपुर परियोजना के विस्थापितों को जमीन का आवंटन क्यों नहीं? - Court News

राजस्थान हाईकोर्ट ने बीसलपुर परियोजना के विस्थापितों की जमीन के मामले की सुनवाई करते हुए राजस्व सचिव, जिला कलक्टर टोंक समेत अन्य अधिकारियों से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court,  Rajasthan High Court hearing
राजस्थान हाईकोर्ट.
author img

By

Published : Sep 8, 2021, 9:15 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 11:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने टोंक जिले की निवाई तहसील के राहोली गांव में बीसलपुर बांध परियोजना के कारण विस्थापित हुए किसानों को कृषि भूमि का आवंटन नहीं करने पर अधिकारियों से जवाब मांगा है. कोर्ट ने इस संबंध में राजस्व सचिव, जिला कलेक्टर टोंक व अतिरिक्त कलेक्टर पुनर्वास व भूमि अवाप्ति अधिकारी से जवाब मांगा है.

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश भोजराज मीणा की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता विकास सोमानी ने बताया कि याचिकाकर्ता को बीसलपुर बांध परियोजना के तहत 2006 में एसडीएम निवाई ने जमीन का आवंटन किया था. लेकिन इस जमीन का कब्जा अतिक्रमण होने के चलते कभी भी स्थानीय प्रशासन ने नहीं संभलाया. साथ ही 28 जुलाई 2014 के कार्यालय तहसीलदार के पत्र से उसे आवंटित की गई जमीन के नामांतरण को भी रोक दिया. जमाबंदी से आवंटी का नाम भी हटा दिया.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट : कोचिंग संस्थानों के लिए नियामक कानून और नियमों का ड्राफ्ट तैयार

इस पर याचिकाकर्ता ने स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन को किसी अन्य जगह पर कृषि भूमि आवंटित करने की प्रार्थना की. लेकिन राज्य सरकार व उसके अफसरों ने याचिकाकर्ता को किसी अन्य जगह पर जमीन का आवंटन नहीं किया है. जबकि दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से अन्य विस्थापितों को जमीन आवंटित कर कब्जा दे दिया गया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने टोंक जिले की निवाई तहसील के राहोली गांव में बीसलपुर बांध परियोजना के कारण विस्थापित हुए किसानों को कृषि भूमि का आवंटन नहीं करने पर अधिकारियों से जवाब मांगा है. कोर्ट ने इस संबंध में राजस्व सचिव, जिला कलेक्टर टोंक व अतिरिक्त कलेक्टर पुनर्वास व भूमि अवाप्ति अधिकारी से जवाब मांगा है.

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश भोजराज मीणा की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता विकास सोमानी ने बताया कि याचिकाकर्ता को बीसलपुर बांध परियोजना के तहत 2006 में एसडीएम निवाई ने जमीन का आवंटन किया था. लेकिन इस जमीन का कब्जा अतिक्रमण होने के चलते कभी भी स्थानीय प्रशासन ने नहीं संभलाया. साथ ही 28 जुलाई 2014 के कार्यालय तहसीलदार के पत्र से उसे आवंटित की गई जमीन के नामांतरण को भी रोक दिया. जमाबंदी से आवंटी का नाम भी हटा दिया.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट : कोचिंग संस्थानों के लिए नियामक कानून और नियमों का ड्राफ्ट तैयार

इस पर याचिकाकर्ता ने स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन को किसी अन्य जगह पर कृषि भूमि आवंटित करने की प्रार्थना की. लेकिन राज्य सरकार व उसके अफसरों ने याचिकाकर्ता को किसी अन्य जगह पर जमीन का आवंटन नहीं किया है. जबकि दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से अन्य विस्थापितों को जमीन आवंटित कर कब्जा दे दिया गया है.

Last Updated : Sep 8, 2021, 11:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.