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डॉक्टर को VRS की अनुमति, लेकिन चुनाव हारने पर वापस करनी पड़ेगी नौकरी - Hearing in Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने सवाई मानसिंह चिकित्सालय के गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी डॉक्टर को निगम चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस की अनुमति दे दी है. लेकिन अदालत ने शर्त लगाई है कि यदि डॉक्टर चुनाव नहीं लड़ते हैं या चुनाव हार जाते हैं तो उनके वीआरएस को रद्द माना जाएगा. साथ ही उन्हें वापस चिकित्सा सेवा में आना पड़ेगा.

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डॉक्टर को वीआरएस की अनुमति
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Published : Oct 17, 2020, 9:11 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसएमएस अस्पताल के गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी डॉक्टर को निगम चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस की अनुमति दे दी है. लेकिन अदालत ने शर्त लगाई है कि यदि डॉक्टर चुनाव नहीं लड़ते हैं या चुनाव हार जाते हैं तो उनके वीआरएस को रद्द माना जाएगा. साथ ही उन्हें वापस चिकित्सा सेवा में आना पड़ेगा.

अदालत ने इसके लिए चिकित्सक को विभाग में बांड पेश करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश डॉ. भरत सपरा की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता निगम चुनाव लड़ना चाहता है. ऐसे में उसने राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम के तहत वीआरएस के लिए आवेदन किया, लेकिन उसका आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि अस्पताल में गेस्टोएन्ट्रोलॉजी चिकित्सकों की कमी है.

यह भी पढ़ें: लक्ष्मी विलास होटल मामले में HC में अधूरी रही सुनवाई, 19 अक्टूबर को अगली सुनवाई

ऐसे में विभाग को निर्देश दिए जाए कि उसका वीआरएस स्वीकार किया जाए, ताकि वे निगम चुनाव लड़ सकें. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि चुनाव लड़ना हर नागरिक का अधिकार है, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से भी इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में यदि वे चुनाव न लड़े या हार जाएं तो उनके वीआरएस को रद्द माना जाएगा.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसएमएस अस्पताल के गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी डॉक्टर को निगम चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस की अनुमति दे दी है. लेकिन अदालत ने शर्त लगाई है कि यदि डॉक्टर चुनाव नहीं लड़ते हैं या चुनाव हार जाते हैं तो उनके वीआरएस को रद्द माना जाएगा. साथ ही उन्हें वापस चिकित्सा सेवा में आना पड़ेगा.

अदालत ने इसके लिए चिकित्सक को विभाग में बांड पेश करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश डॉ. भरत सपरा की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता निगम चुनाव लड़ना चाहता है. ऐसे में उसने राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम के तहत वीआरएस के लिए आवेदन किया, लेकिन उसका आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि अस्पताल में गेस्टोएन्ट्रोलॉजी चिकित्सकों की कमी है.

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ऐसे में विभाग को निर्देश दिए जाए कि उसका वीआरएस स्वीकार किया जाए, ताकि वे निगम चुनाव लड़ सकें. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि चुनाव लड़ना हर नागरिक का अधिकार है, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से भी इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में यदि वे चुनाव न लड़े या हार जाएं तो उनके वीआरएस को रद्द माना जाएगा.

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