जयपुर. बच्चों को उनके पेट में पाए जाने वाले कीड़ों से मुक्ति दिलाने के लिए एल्बेंडाजोल दवा बहुत जरूरी है. ऐसे में प्रदेशभर में बच्चों को एल्बेंडाजोल खिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक अभियान चलाया है. जिसके तहत 5 से 11 अक्टूबर तक बच्चों और युवाओं को कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी.
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि, कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत पूरे प्रदेश में सोमवार से साप्ताहिक अभियान की शुरुआत होगी. जिसमें 1 से 19 वर्ष के सभी बच्चों और किशोर-किशोरियों को आंगनवाड़ी केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर एल्बेंडाजोल दवा दी जाएगी. इसको लेकर सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को कृमि नाशक दवा खिलाने के दौरान कोरोना वायरस से बचाव के सभी दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
इस मौके पर चिकित्सा मंत्री ने सभी परिजनों और अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि, कोविड सुरक्षा दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपने बच्चों को निकटतम आंगनवाड़ी, उप स्वास्थ्य केंद्र या शहरी पीएससी पर दवाई खिलाने जरूर लेकर जाएं. क्योंकि बच्चों में कृमि संक्रमण एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या है. ये बच्चों की शारीरिक वृद्धि और संज्ञानात्मक विकास में बाधक होती हैं. इसको लेकर चिकित्सा मंत्री में सभी स्थानों पर दवा की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.
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बता दें कि, एल्बेंडाजोल विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनुमोदित दवा है. जिसका उपयोग बच्चों और किशोरों के आंत के कृमि के संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है. कुछ मामलों में बच्चों को पेट दर्द, उल्टी, दस्त और थकान का अनुभव हो सकता है. ये दुष्प्रभाव आमतौर पर अस्थायी होते हैं और इन्हें आसानी से संभाला जा सकता है. इसलिए नियमित डिवॉर्मिंग बच्चों और किशोरों में कृमि के संक्रमण को समाप्त कर उनके शारीरिक और संख्यात्मक विकास में योगदान करता है.