जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने साईनाथ विश्वविद्यालय के वीसी को 29 जुलाई को पेश होकर बताने को कहा है कि 7 साल पहले पीएचडी पूरी होने के बाद भी अब तक अभ्यर्थी को डिग्री जारी क्यों नहीं की गई है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश दीपक राजपूत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता ने साईनाथ विश्वविद्यालय से वर्ष 2013 में पीएचडी पूरी की थी. डिग्री पूरी होने के बाद विश्वविद्यालय ने उसे उस समय प्रोविजनली प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया था. इसके बावजूद भी 7 साल बीतने के बाद अब तक पीएचडी की फाइनल डिग्री जारी नहीं की गई है.
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याचिकाकर्ता ने इस संबंध में विश्वविद्यालय के संबंधित अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी, लेकिन उसे डिग्री जारी नहीं की गई. जिसके चलते वह डिग्री से मिलने वाले लाभों से वंचित हो रहा है. इस पर अदालत ने कहा कि कई मौके देने के बाद भी विश्वविद्यालय ने अब तक मामले में जवाब पेश नहीं किया है. ऐसे में विश्वविद्यालय के व्यवहार को देखते हुए उचित है कि वीसी मामले में स्पष्टीकरण दें.