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COVID-19 Vaccination का ऑडिट करवाएगी गहलोत सरकार - राजस्थान में कोविज-19 वैक्सीनेशन का ऑडिट

कोविड-19 वैक्सीनेशन के तहत टीके की बर्बादी के आरोपों के बीच राजस्थान सरकार ने टीकाकरण का ऑडिट करवाने की घोषणा की है. इसके साथ ही गहलोत सरकार ने कहा है कि राज्य में टीकों का वेस्टेज दो फीसदी से कम है.

audit of covid 19 vaccination,  Government of Rajasthan
कोविड-19 वैक्सीनेशन
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Published : Jun 1, 2021, 12:13 AM IST

जयपुर. कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत अब तक 1 करोड़ 66 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाकर राजस्थान देशभर में पहले नंबर पर है. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज मात्र 2 फीसदी से कम है, जो केंद्र की ओर से अनुमत सीमा 10 फीसदी और वैक्सीन वेस्टेज के राष्ट्रीय औसत 6 फीसदी से बेहद कम है.

पढ़ें- 7 साल पूरे होने पर देशवासियों से माफी मांगे मोदी सरकार: सचिन पायलट

प्रमुख शासन सचिव एवं स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा ने बताया कि कुछ स्थानों पर वैक्सीन के वेस्टेज की खबरें सामने आई है. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में वैक्सीन की वेस्टेज कहीं भी नहीं पाई गई. उन्होंने बताया कि इसके बावजूद हाईलाइट किए गए स्थानों की जिला कलेक्टर के माध्यम से विशेष रूप से वैक्सीन ऑडिट करवाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के सभी जिलों में वैक्सीन के संबंध में जारी गाइडलाइन की अनुपालना भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

अरोड़ा ने बताया कि राजस्थान के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों अपने जिलों के वैक्सीनेशन सेंटर का साप्ताहिक रूप से आवश्यक रूप से निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. निरीक्षण के दौरान निर्धारित प्राथमिकता के क्रम में वैक्सीनेशन करने और क्यू डायनामिक्स के अनुसार भेदभाव रहित तरीके से वेक्सिनेशन करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें- राजस्थान: 2 जून से लॉकडाउन में राहत की घोषणा, यहां जानिए कहां मिलेगी छूट और कहां रहेगी पाबंदी...

अखिल अरोड़ा ने बताया कि वेस्टेज बिल्कुल नहीं होने देने, वैक्सीनेशन लगाने के बाद निर्धारित आधे घंटे तक वैक्सीनेटेड व्यक्ति को ऑब्जर्वेशन रूम में रहने और सॉफ्टवेयर पर प्रोपर एंट्री के संबंध में भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं. प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि समय-समय पर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को नियमित रूप से निरीक्षण कर वैक्सीन का जीरो वेस्टेज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस कार्य मे कोताही पाए जाने पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन सेंटर का सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ और जिला कलक्टर की ओर से नामित प्रशासनिक अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे. इनके अतिरिक्त प्रदेश के स्वास्थ्य मुख्यालय से वरिष्ठ चिकित्सकों के दल भिजवाकर कोरोना के संबंध में पीरियडिकल ऑडिट भी करवाई जाएगी. इस ऑडिट में संबंधित जिलों में कोविड की रोकथाम के लिए की गई व्यवस्थाओं, उपचार सहित अन्य व्यवस्थाओं और वैक्सीनेशन के संबंध में आवश्यक जानकारी लेकर व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाएगा.

जयपुर. कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत अब तक 1 करोड़ 66 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाकर राजस्थान देशभर में पहले नंबर पर है. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज मात्र 2 फीसदी से कम है, जो केंद्र की ओर से अनुमत सीमा 10 फीसदी और वैक्सीन वेस्टेज के राष्ट्रीय औसत 6 फीसदी से बेहद कम है.

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प्रमुख शासन सचिव एवं स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा ने बताया कि कुछ स्थानों पर वैक्सीन के वेस्टेज की खबरें सामने आई है. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में वैक्सीन की वेस्टेज कहीं भी नहीं पाई गई. उन्होंने बताया कि इसके बावजूद हाईलाइट किए गए स्थानों की जिला कलेक्टर के माध्यम से विशेष रूप से वैक्सीन ऑडिट करवाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के सभी जिलों में वैक्सीन के संबंध में जारी गाइडलाइन की अनुपालना भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

अरोड़ा ने बताया कि राजस्थान के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों अपने जिलों के वैक्सीनेशन सेंटर का साप्ताहिक रूप से आवश्यक रूप से निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. निरीक्षण के दौरान निर्धारित प्राथमिकता के क्रम में वैक्सीनेशन करने और क्यू डायनामिक्स के अनुसार भेदभाव रहित तरीके से वेक्सिनेशन करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.

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अखिल अरोड़ा ने बताया कि वेस्टेज बिल्कुल नहीं होने देने, वैक्सीनेशन लगाने के बाद निर्धारित आधे घंटे तक वैक्सीनेटेड व्यक्ति को ऑब्जर्वेशन रूम में रहने और सॉफ्टवेयर पर प्रोपर एंट्री के संबंध में भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं. प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि समय-समय पर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को नियमित रूप से निरीक्षण कर वैक्सीन का जीरो वेस्टेज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस कार्य मे कोताही पाए जाने पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन सेंटर का सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ और जिला कलक्टर की ओर से नामित प्रशासनिक अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे. इनके अतिरिक्त प्रदेश के स्वास्थ्य मुख्यालय से वरिष्ठ चिकित्सकों के दल भिजवाकर कोरोना के संबंध में पीरियडिकल ऑडिट भी करवाई जाएगी. इस ऑडिट में संबंधित जिलों में कोविड की रोकथाम के लिए की गई व्यवस्थाओं, उपचार सहित अन्य व्यवस्थाओं और वैक्सीनेशन के संबंध में आवश्यक जानकारी लेकर व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाएगा.

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