जयपुर. एसएसआर यानी सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी के लिए प्रदेश के किन्नरों को भीख नहीं मांगनी पड़ेगी. राजस्थान की गहलोत सरकार ही अब किन्नरों को महिला और पुरुष बनाएगी (Gehlot for Transgenders). संभवतः राजस्थान सरकार ने देश में पहली सम्मान योजना लॉन्च की है. इसके तहत लिंग बदलने के लिए सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन किए जाएंगे (Transgender Surgery In Rajasthan). सरकार इसको लेकर 2.50 लाख रुपए तक की राशि खर्च करेगी. सरकार के फैसले के बाद किन्नर समुदाय खुश है और उसने इस फैसले का स्वागत किया है .
'सिग्नल पर नहीं मांगनी पड़ेगी भीख': किन्नर अखाड़ा महामंडलेश्वर पुष्पा माई कहती हैं कि अब तक ट्रांसजेंडर्स को सेक्स चेंज कराने के लिए पैसे जुटाने पड़ते हैं. इस समुदाय को समाज में आज भी समानता का अधिकार नहीं है इसलिए इन्हें नौकरी भी नहीं मिलती है. पैसे जुटाने के लिए किन्नर समुदाय सिग्नल, ट्रेन या अन्य जगह पर भीख मांगता है. सरकार के इस फैसले से किन्नर समुदाय को SRS में मदद मिलेगी. पुष्पा माई खुशी से कहती हैं- ये किन्नर समुदाय की एक लंबी लड़ाई थी जो अब पूरी हुई है.
मुफ्त में महिला पुरुष बनाएगी सरकार: बता दें कि गहलोत सरकार ने ट्रांसजेंडर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी यानी लिंग बदलने के लिए होने वाले ऑपरेशन के लिए राशि एलॉट करने का एलान किया है. इसके तहत एक सर्जरी पर 2.50 लाख रुपए तक की सहायता राशि देने की घोषणा की गई. वहीं अगर सर्जरी सरकारी अस्पताल में होती है तो ये प्रोसेस पूरी तरह से निशुल्क होगा. इसे सम्मान योजना के तहत लॉन्च किया गया है.
दावा किया जा रहा है कि योजना राजस्थान के 20 हजार से ज्यादा ट्रांसजेंडर्स को सम्मान दिलाएगी (Free Surgery for Rajasthan Eunuchs). गहलोत सरकार की पहल बताई जा रही है. डॉक्टरों ने कहा कि ट्रांसजेंडर्स में हार्मोनल इंबैलेंस यानी हार्मोन्स का असंतुलन होता है जिसकी वजह से वो पुरुष या स्त्री के रूप में पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं. सरकार के सामाजिक न्याय और आधिकारिता विभाग ने इसके लिए उत्थान कोष का गठन किया है. इस कोष की स्थापना 10 करोड़ रुपए से की जा रही है.
विभाग के उपनिदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल ने कहा कि ट्रांसजेंडर्स का सरकारी अस्पतालों में मुफ्त ऑपरेशन करवाया जाएगा या कोई बाहर के अस्पताल से ऑपरेशन कराना चाहे तो 2.50 लाख रुपए की मदद दी जाएगी. जो भी ट्रांसजेंडर लिंग बदलवाने के इच्छुक हैं, उन्हें सामाजिक न्याय और आधिकारिता विभाग में आवेदन करना होगा.