जयपुर. राजस्थान में बेरोजगारों के महाकुंभ यानि राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ ही सरकार भी अपने स्तर पर परीक्षाओं की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है. करीब 26.51 लाख अभ्यर्थी 26 सितंबर को दोनों लेवल में परीक्षा देंगे. रीट में नकल रोकने के लिए गुरुवार को सरकार ने बड़ा और कड़ा फैसला लिया है.
शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा के अनुसार, रीट परीक्षा में नकल करवाने के किसी मामले में सरकारी कर्मचारी की सहभागिता पाए जाने पर सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा. जबकि किसी निजी व्यक्ति या संस्थान की संलिप्तता पाए जाने पर संस्थान की मान्यता वापस ली जाएगी.
उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी है और यह भी लिखा है कि उनकी की ओर से यह दोनों प्रस्ताव रखे गए थे. जिन्हें मुख्यमंत्री ने मंजूर किया है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया है.
तीसरी आंख से नजर
रीट परीक्षा में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो इसको लेकर संपूर्ण परीक्षा की वीडियोग्राफी होगी. पेपर जारी होने से लेकर परीक्षा केंद्र तक पेपर पहुंचने की संपूर्ण वीडियोग्राफी की जाएगी. एग्जाम सेंटर पर भी वीडियोग्राफी के जरिए नजर रखी जाएगी. अगर कहीं पर भी कोई शिकायत आती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
रीट परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर समीक्षा बैठक बुलाई. इस बैठक में शिक्षा मंत्री, परिवहन मंत्री, CS, DGP, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष, शिक्षा विभाग के प्रमुख अधिकारी, समस्त संभागीय आयुक्त, IG, पुलिस कमिश्नर DM और SP जुड़ेंगे.
16 लाख अभ्यर्थियों वाली अभी तक की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा रीट के सफल आयोजन के लिए प्रदेश सरकार ने विशेष तैयारियां की हैं. पेपर के संबंध में किसी भी गैर-कानूनी गतिविधि की सूचना पुलिस को दें. रीट परीक्षा में पेपरलीक जैसी अफवाह फैलाने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ेंः रीट परीक्षा के दिन ट्रांसपोटर्स भी करेंगे जिला प्रशासन का सहयोग, निर्धारित दर से लेंगे किराया
बैठक के बाद राजस्थान शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने रीट परीक्षा में नकल रोकने के लिए दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. जिसमें किसी भी सरकारी की नकल में संलिप्त पाई जाती है तो उसे राजकीय सेवा से बर्खास्त किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर अगर किसी भी गैर सरकारी कर्मचारी या संस्था में नकल की शिकायत आती है तो उस संस्था की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. गोविंद सिंह डोटासरा ने इन दोनों प्रस्ताव के पास होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है.