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कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा वन विभाग, पांच हजार पद हैं रिक्त...प्रभावित हो रहा कामकाज

राजस्थान वन विभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. विभाग में करीब 5000 पद रिक्त चल रहे हैं. ऐसे में विभाग कामकाज भी खासा प्रभावित हो रहा है. कर्मचारियों को नई नियुक्तियों का इंतजार है.

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वन विभाग में कर्मचारियों की कमी
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Published : Jul 18, 2021, 9:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान वन विभाग कई दिनों से कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. राजस्थान में वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं आए दिन सामने आती हैं. विभाग के पास स्टाफ की कमी होने से वन्यजीवों की सुरक्षा और वनों की सुरक्षा समेत कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

वन विभाग के पास करीब 5000 पद रिक्त चल रहे हैं. विभाग में रेंजर, वनपाल और वनरक्षक की भर्ती और पदोन्नति होना आवश्यक है. वनों में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए समय रहते भर्ती और पदोन्नति करना जरूरी है. वन विभाग की मुखिया प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा ने बताया कि विभाग में कर्मचारी कम हैं और काम ज्यादा है.

वन विभाग में कर्मचारियों की कमी

पढ़ें: वन विभाग की सख्ती: नाहरगढ़ सेंचुरी एरिया में दोहरा आवंटन होगा निरस्त...500 मीटर दायरे में हुए निर्माण होंगे ध्वस्त

एसएसबी की ओर से भर्ती के लिए आवेदन लिए गए हैं. कुछ ही पदों के लिए करीब एक लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं. एग्जाम की प्रक्रिया होना बाकी है. भर्ती प्रक्रिया पूरी होने पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी और व्यवस्थाओं में सुधार होगा.

वन विभाग के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा ने बताया कि वन विभाग में रिक्त पदों की समस्या लंबे समय से चल रही है. हालांकि वन विभाग की ओर से वर्ष 2011, 2013 और 2015 में भर्ती की गई थी. लंबे समय से वन विभाग में भर्तियां बहुत ज्यादा नहीं हुईं हैं. वन विभाग में जो टॉप पर स्टाफ था. वह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. वन विभाग में जो वर्क चार्ज कर्मचारी होते हैं, उसको सरकार ने डाइंग कैडर घोषित कर रखा है.

पढ़ें: डूंगरपुर: 11 साल पहले लगाए 6 लाख पौधों में एक भी जिंदा नहीं, इस बार 2.50 लाख पौधे लगाने की योजना

यानी कर्मचारी अपनी सेवा से रिटायर्ड हो जाता है तो वह पद समाप्त हो जाता है. इस कारण वन विभाग में समस्या खड़ी हो गई है. लेकिन इसकी जगह रेगुलर स्टाफ फॉरेस्ट गार्ड और अन्य कर्मचारियों को डेप्यूट किया गया है. भर्तियों में भी काफी विलंब होगा. कर्मचारियों की कमी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है कि वनरक्षक, सहायक वनपाल और वनपाल तक के पदों पर बॉर्डर होमगार्ड के पदस्थापन की स्वीकृति दें, ताकि संविदा कर्मचारियों की समस्या को दूर किया जा सके.

सीडब्ल्यूएलडब्लू मोहन लाल मीणा ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारियों के लिए राशन अलाउंस की व्यवस्था करवाई गई है. राज्य सरकार ने हाल ही में 860 रुपए प्रति कर्मचारी के हिसाब से राशन अलाउंस की स्वीकृति दी है. हार्ड ड्यूटी एलाउंस के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. उम्मीद है जल्द ही प्रस्ताव सैंक्शन हो जाए.

पढ़ें: अनंतपुर में मिला तेंदुआ शावक, वन विभाग ने तिरुपति चिड़ियाघर भेजा

वन विभाग में रेंजर के करीब 450 पद खाली पड़े हैं. इसी तरह वनपाल के करीब 800 पद हैं. वन रक्षकों के एक करीब 2700 एसीएफ के करीब 90 पद खाली है. आज वन विभाग में रेंजर, वनपाल और वनरक्षक के पद खाली पड़े हैं, जिसकी वजह से वन क्षेत्रों में शिकार और तस्करी की घटनाएं हो रही हैं.

जयपुर. राजस्थान वन विभाग कई दिनों से कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. राजस्थान में वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं आए दिन सामने आती हैं. विभाग के पास स्टाफ की कमी होने से वन्यजीवों की सुरक्षा और वनों की सुरक्षा समेत कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

वन विभाग के पास करीब 5000 पद रिक्त चल रहे हैं. विभाग में रेंजर, वनपाल और वनरक्षक की भर्ती और पदोन्नति होना आवश्यक है. वनों में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए समय रहते भर्ती और पदोन्नति करना जरूरी है. वन विभाग की मुखिया प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा ने बताया कि विभाग में कर्मचारी कम हैं और काम ज्यादा है.

वन विभाग में कर्मचारियों की कमी

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एसएसबी की ओर से भर्ती के लिए आवेदन लिए गए हैं. कुछ ही पदों के लिए करीब एक लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं. एग्जाम की प्रक्रिया होना बाकी है. भर्ती प्रक्रिया पूरी होने पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी और व्यवस्थाओं में सुधार होगा.

वन विभाग के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा ने बताया कि वन विभाग में रिक्त पदों की समस्या लंबे समय से चल रही है. हालांकि वन विभाग की ओर से वर्ष 2011, 2013 और 2015 में भर्ती की गई थी. लंबे समय से वन विभाग में भर्तियां बहुत ज्यादा नहीं हुईं हैं. वन विभाग में जो टॉप पर स्टाफ था. वह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. वन विभाग में जो वर्क चार्ज कर्मचारी होते हैं, उसको सरकार ने डाइंग कैडर घोषित कर रखा है.

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यानी कर्मचारी अपनी सेवा से रिटायर्ड हो जाता है तो वह पद समाप्त हो जाता है. इस कारण वन विभाग में समस्या खड़ी हो गई है. लेकिन इसकी जगह रेगुलर स्टाफ फॉरेस्ट गार्ड और अन्य कर्मचारियों को डेप्यूट किया गया है. भर्तियों में भी काफी विलंब होगा. कर्मचारियों की कमी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है कि वनरक्षक, सहायक वनपाल और वनपाल तक के पदों पर बॉर्डर होमगार्ड के पदस्थापन की स्वीकृति दें, ताकि संविदा कर्मचारियों की समस्या को दूर किया जा सके.

सीडब्ल्यूएलडब्लू मोहन लाल मीणा ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारियों के लिए राशन अलाउंस की व्यवस्था करवाई गई है. राज्य सरकार ने हाल ही में 860 रुपए प्रति कर्मचारी के हिसाब से राशन अलाउंस की स्वीकृति दी है. हार्ड ड्यूटी एलाउंस के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. उम्मीद है जल्द ही प्रस्ताव सैंक्शन हो जाए.

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वन विभाग में रेंजर के करीब 450 पद खाली पड़े हैं. इसी तरह वनपाल के करीब 800 पद हैं. वन रक्षकों के एक करीब 2700 एसीएफ के करीब 90 पद खाली है. आज वन विभाग में रेंजर, वनपाल और वनरक्षक के पद खाली पड़े हैं, जिसकी वजह से वन क्षेत्रों में शिकार और तस्करी की घटनाएं हो रही हैं.

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