अजमेर. RAS परीक्षा- 2018 के साक्षात्कार मामले में हुई धांधली का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग को लेकर अजमेर एसपी को मुकदमा दर्ज करने की शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर अधिवक्ता ने अजमेर की अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या- 3 में इस्तगासा दायर किया है.
भाजयुमो के पूर्व जिला अध्यक्ष और अधिवक्ता देवेंद्र सिंह शेखावत ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, उनके समधी रमेश चंद्र पूनिया, प्रभा पूनिया और गौरव पूनिया के खिलाफ इस्तगासा दायर किया है. अधिवक्ता देवेंद्र सिंह शेखावत का आरोप है कि RAS भर्ती 2018 के साक्षात्कार में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने रिश्तेदारों का चयन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने करवाया है.
इस्तगासा में बताया गया है कि डोटासरा के समधी रमेश चंद पूनिया चूरु जिले में शिक्षा अधिकारी रहे हैं और उनकी जन्मतिथि 5 सितंबर 1961 है. वहीं, वो 8 दिसंबर 1993 को प्रधानाध्यापक बन चुके थे. पूनिया का प्रमोशन 32 साल तीन महीने और 3 दिन की उम्र में हो चुका था. इस कारण उनके पुत्र और पुत्री ओबीसी की श्रेणी में नही आते हैं. बावजूद इसके RAS भर्ती परीक्षा 2018 में OBC कोटे में चयनित हुए हैं.
इससे स्पष्ठ है कि पूनिया ने अपने पुत्र और पुत्री का ओबीसी प्रमाण पत्र गलत दस्तावेज और फर्जी शपथ पत्र के आधार पर बनवाया है. साथ ही उनके पुत्र गौरव और प्रभा के RAS परीक्षा- 2018 के साक्षात्कार में एक समान अंक 80-80 आए हैं, जबकि उनके लिखित परीक्षा के अंक कम हैं.
शेखावत ने कहा कि RAS परीक्षा- 2018 की टॉपर मुक्ता राव के साक्षात्कार में 77 नम्बर ही आए हैं. इससे साफ है कि डोटासरा ने समधी के साथ मिलकर षडयंत्र कर गौरव और प्रभा का RAS परीक्षा- 2018 में चयन करवाया है. डोटासरा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आयोग अध्यक्ष और सदस्य गणों को प्रभाव में लिया है.
उन्होंने कहा कि क्रीमी लेयर होने के बावजूद पूनिया ने ओबीसी वर्ग के दो अभ्यार्थियों का हक मारा है. उन OBC वर्ग के अभ्यार्थियों को न्याय दिलवाने और इस षड्यंत्र में शामिल प्रभावशाली लोगों को सबक सिखाने के उद्देश्य से उन्होंने इस्तगासा अदालत में दायर किया है.