जयपुर. राजस्थान में फोन टैपिंग प्रकरण को लेकर सियासत फिर से गरमा गई है. इस प्रकरण को लेकर एक बार फिर जुबानी जंग शुरू हो गई है. मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सीएम अशोक गहलोत के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है. बता दें, शेखावत ने शनिवार को बयान दिया था कि मेरा टाइम आया तो प्रदेश के 5 आईएएस-आईपीएस अफसरों को जेल कराऊंगा. सीएम गहलोत ने रविवार को ट्वीट कर इसका जवाब दिया. गहलोत ने कहा कि अधिकारियों को गिरफ्तारी की धमकी देना शेखावत की बौखलाहट दिखा रहा है. अपनी छवि चमकाने के लिए पहले उन्होंने राजनीति से संन्यास का दावा कर दिया, फिर झूठ पकड़े जाने के कारण डैमेज कंट्रोल के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट में लिखा कि गजेन्द्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के IAS-IPS अधिकारियों को गिरफ्तारी की धमकी देना उनकी बौखलाहट दिखा रहा है. अपनी छवि चमकाने के लिए पहले उन्होंने राजनीति से संन्यास का दावा कर दिया, लेकिन उनका झूठ पकड़ा जाने के कारण डैमेज कंट्रोल के लिए वो इस तरह की बातें कर रहे हैं. उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि जनता के सामने उनका असली चेहरा पहले से ही बेनकाब हो चुका है, इसलिए अभी तक अपना वॉइस सैम्पल देने में भी आनाकानी कर रहे हैं.
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उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि जनता के सामने उनका असली चेहरा पहले से ही बेनकाब हो चुका है इसलिए अभी तक अपना वॉइस सैम्पल देने में भी आनाकानी कर रहे हैं।
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 10, 2022
शेखावत का पलटवार: इसके बाद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी ट्वीट कर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत के बयानों में मुझे जोधपुर में उनके पुत्र की हार की खीझ सुनाई देती है. वे आज तक जोधपुर लोकसभा सीट का परिणाम नहीं भूल पाए हैं, जिसमें जनता जनार्दन ने मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए मुझे आशीर्वाद दिया था. वे तब से मुझे अपना सबसे बड़ा शत्रु मान बैठे हैं, लेकिन मुझे उनसे सहानुभूति है. वे मुझे उकसाने के लिए न केवल सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हैं बल्कि स्वयं भी अनर्गल वक्तव्य देते रहते हैं.
शेखावत ने कहा कि मैंने तो उन्हें चुनौती दी है, वे मोदीजी पर लगाए अपने निहायत मनगढ़ंत आरोप साबित करके बताएं, परंतु वे प्रमाण देने की बजाय मुख्य मुद्दे को बहस में उलझाना चाहते हैं. उनकी तरह उनकी राजनीति का तरीका अप्रासंगिक हो चुका है. उन्हें अब राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए, उनकी पार्टी के लोग भी यही चाहते हैं.
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पढ़ें-नहर परियोजना पर सियासत: अब डोटासरा ने केंद्रीय मंत्री शेखावत से की इस्तीफे की मांग
क्या कहा था शेखावत ने: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि मुख्यमंत्री के इशारे पर फोन टैपिंग कराने वाले प्रार्थना करें कि मेरा वक्त न आए, यदि आया तो पांच आईएएस-आईपीएस को जेल कराऊंगा. बताया जा रहा है कि शेखावत ने जुलाई 2020 में राज्य में कथित तौर पर 'सरकार गिराने' के बारे में टेलीफोन पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड किए जाने का जिक्र किया था. जिसके बाद राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा एसओजी ने मामला दर्ज किया था. इस मामले में शेखावत को आवाज का नमूना देने के लिए कहा गया. हालांकि दर्ज प्राथमिकी में ये उल्लेख नहीं था कि ऑडियो क्लिप में जिस गजेन्द्र सिंह का जिक्र किया गया था, वो केन्द्रीय मंत्री शेखावत ही थे. शेखावत के इस बयान के बाद से राजस्थान में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.
वहीं, पिछले दिनों राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री महेश जोशी आमने-सामने आ गए थे. एक कार्यक्रम में जब जोशी ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे की याद दिलाई तो शेखावत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अजमेर की सभा में इस बारे में एक भी शब्द नहीं बोला था.
शेखावत ने यहां तक कहा था कि अगर प्रधानमंत्री ने अजमेर की बैठक में एक भी शब्द बोला हो तब या तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या आप और आपके मुख्यमंत्री पद छोड़ दें. शेखावत के इसी बयान पर प्रदेश के सियासी गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई थी. इसके बाद राजस्थान कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस समय के दोनों बयानों को जारी करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार नहीं बल्कि दो बार राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर मजबूती से बात रखी थी. इसके बाद से ही केंद्रीय मंत्री शेखावत और सीएम अशोक गहलोत के बीच बयानबाजी का दौर जारी है.