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DGP लाठर मांग रहे लोगों से पैसे, लोग हैरान ऐसी क्या नौबत आ गई

राजस्थान में साइबर ठगी करने के बड़े मामले सामने आ रहे हैं. साइबर ठग डीजीपी एमएल लाठर की तस्वीर लगाकर आईपीएस अधिकारियों को मैसेज भेज रहे हैं. ठग अधिकारियों से रुपए की मांग कर रहे हैं. ML Lather photo used for cyber fraud

ML Lather photo used for cyber fraud
डीजीपी एमएल लाठर
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Published : Aug 30, 2022, 12:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान में अफसर और मंत्रियों की डीपी लगाकर अपने कार्मिकों से रुपयों और उपहारों की डिमांड करने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे (Cyber Fraud in Jaipur) हैं. एक बार फिर से शातिर ठगों ने मंगलवार सुबह राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी एमएल लाठर की तस्वीर का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हुए व्हाट्सएप पर डीपी लगा आईपीएस अफसरों को मैसेज भेज कैश और अमेजॉन गिफ्ट कार्ड की डिमांड की (ML Lather photo used for cyber fraud).

वहीं, ऐसे प्रकरण राजस्थान पुलिस के लिए गले की फांस बन चुके हैं और इन मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार करना तो दूर पुलिस उनकी पहचान तक नहीं कर पा रही है. जिसके चलते शातिर ठगों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं और इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. डीजीपी एमएल लाठर के नाम से पूर्व में भी ठग लोगों से ठगी का प्रयास कर चुके हैं. लेकिन इस बार ठगों ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा दिमाग लगाया है.

वर्ष 2018 बैच के बाद के आईपीएस अफसरों को ठगों ने भेजे मैसेज: डीजीपी एमएल लाठर के नाम से ठगों ने मंगलवार सुबह साल 2018 बैच के बाद के आईपीएस अफसरों को मैसेज भेजना शुरु किया और उनके हाल चाल जानने चाहे. डीजीपी का मैसेज वह भी सोशल मीडिया के जरिए पाकर तो अफसरों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बाद में जब मैसेज में आगे बातचीत हुई तो डीजीपी की डीपी और नंबर यूज कर रहे ठग ने आईपीएस अफसरों से रुपयों की मांग कर डाली. रुपयों के अलावा अमेजॉन गिफ्ट कार्ड के रूप में उपहार भी मांगे गए. ठगों ने मैसेज में यह तक लिखा कि जल्द ही रुपए और उपहार का पैसा अफसरों के खातों में डाल दिया जाएगा. इस तरह के मैसेज आने के बाद जब आईपीएस अफसरों ने अपने सीनियर अफसरों से बातचीत की तो यह बात डीजीपी तक पहुंची. उसके बाद इस बारे में पुलिस मुख्यालय के अफसरों को भी पता चला.

पढ़ें: #Jagte Raho: लोगों की लापरवाही के कारण बढ़ रहे साइबर फ्रॉड के मामले, ये तरीके अपना कर दें ठगों को मुंहतोड़ जवाब

पुलिस केवल करवा सकती नंबर ब्लॉक और संबंधित कंपनी को मेल: साइबर एक्सपर्टस आयुष भारद्वाज का कहना है कि इस तरह के फ्रॉड केस में किसी भी राज्य की पुलिस सिर्फ दो ही काम कर सकती है. पहला जिस नंबर का प्रयोग कर ठग सोशल मीडिया पर मैसेज भेज रहे हैं. उस नंबर को ब्लॉक करवाना. वहीं दूसरा विदेश में स्थित सोशल मीडिया कंपनी के सर्वर व कंपनी के प्रतिनिधी को मेल कर इसकी जानकारी देना. हालांकि इन दोनों ही तरीकों से बात नहीं बन रही है और पुलिस शातिर ठगों तक नहीं पहुंच पा रही है. ठग बीते कुछ माह में प्रदेश में सरकार के 8 से भी ज्यादा मंत्रियों के अलावा 10 से भी ज्यादा आईपीएस और आईएएस अफसरों के नाम से रुपए मांग कर ठगी का प्रयास कर चुके हैं. कुछ प्रकरणों में लोगों ने लाखों रुपए के अमेजॉन गिफ्ट कार्ड व कैश ठगों की ओर से बताए गए खातों में ट्रांसफर भी करवाया है. ताज्जुब की बात है कि पुलिस अब तक एक भी प्रकरण का खुलासा नहीं कर सकी है और न ही किसी को गिरफ्तार कर पाई है.

जयपुर. राजस्थान में अफसर और मंत्रियों की डीपी लगाकर अपने कार्मिकों से रुपयों और उपहारों की डिमांड करने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे (Cyber Fraud in Jaipur) हैं. एक बार फिर से शातिर ठगों ने मंगलवार सुबह राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी एमएल लाठर की तस्वीर का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हुए व्हाट्सएप पर डीपी लगा आईपीएस अफसरों को मैसेज भेज कैश और अमेजॉन गिफ्ट कार्ड की डिमांड की (ML Lather photo used for cyber fraud).

वहीं, ऐसे प्रकरण राजस्थान पुलिस के लिए गले की फांस बन चुके हैं और इन मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार करना तो दूर पुलिस उनकी पहचान तक नहीं कर पा रही है. जिसके चलते शातिर ठगों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं और इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. डीजीपी एमएल लाठर के नाम से पूर्व में भी ठग लोगों से ठगी का प्रयास कर चुके हैं. लेकिन इस बार ठगों ने पिछली बार की तुलना में ज्यादा दिमाग लगाया है.

वर्ष 2018 बैच के बाद के आईपीएस अफसरों को ठगों ने भेजे मैसेज: डीजीपी एमएल लाठर के नाम से ठगों ने मंगलवार सुबह साल 2018 बैच के बाद के आईपीएस अफसरों को मैसेज भेजना शुरु किया और उनके हाल चाल जानने चाहे. डीजीपी का मैसेज वह भी सोशल मीडिया के जरिए पाकर तो अफसरों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बाद में जब मैसेज में आगे बातचीत हुई तो डीजीपी की डीपी और नंबर यूज कर रहे ठग ने आईपीएस अफसरों से रुपयों की मांग कर डाली. रुपयों के अलावा अमेजॉन गिफ्ट कार्ड के रूप में उपहार भी मांगे गए. ठगों ने मैसेज में यह तक लिखा कि जल्द ही रुपए और उपहार का पैसा अफसरों के खातों में डाल दिया जाएगा. इस तरह के मैसेज आने के बाद जब आईपीएस अफसरों ने अपने सीनियर अफसरों से बातचीत की तो यह बात डीजीपी तक पहुंची. उसके बाद इस बारे में पुलिस मुख्यालय के अफसरों को भी पता चला.

पढ़ें: #Jagte Raho: लोगों की लापरवाही के कारण बढ़ रहे साइबर फ्रॉड के मामले, ये तरीके अपना कर दें ठगों को मुंहतोड़ जवाब

पुलिस केवल करवा सकती नंबर ब्लॉक और संबंधित कंपनी को मेल: साइबर एक्सपर्टस आयुष भारद्वाज का कहना है कि इस तरह के फ्रॉड केस में किसी भी राज्य की पुलिस सिर्फ दो ही काम कर सकती है. पहला जिस नंबर का प्रयोग कर ठग सोशल मीडिया पर मैसेज भेज रहे हैं. उस नंबर को ब्लॉक करवाना. वहीं दूसरा विदेश में स्थित सोशल मीडिया कंपनी के सर्वर व कंपनी के प्रतिनिधी को मेल कर इसकी जानकारी देना. हालांकि इन दोनों ही तरीकों से बात नहीं बन रही है और पुलिस शातिर ठगों तक नहीं पहुंच पा रही है. ठग बीते कुछ माह में प्रदेश में सरकार के 8 से भी ज्यादा मंत्रियों के अलावा 10 से भी ज्यादा आईपीएस और आईएएस अफसरों के नाम से रुपए मांग कर ठगी का प्रयास कर चुके हैं. कुछ प्रकरणों में लोगों ने लाखों रुपए के अमेजॉन गिफ्ट कार्ड व कैश ठगों की ओर से बताए गए खातों में ट्रांसफर भी करवाया है. ताज्जुब की बात है कि पुलिस अब तक एक भी प्रकरण का खुलासा नहीं कर सकी है और न ही किसी को गिरफ्तार कर पाई है.

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