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MP-गुजरात के बाद अब राजस्थान कांग्रेस को भी करनी पड़ सकती है बाड़ेबंदी

मध्य प्रदेश और गुजरात के कांग्रेस विधायकों के बाड़ेबंदी करवाने वाले राजस्थान को अब खुद अपने विधायकों की बाड़ाबंदी करवानी पड़ सकती है. राज्यसभा चुनावों में अगर भाजपा ने 18 मार्च तक नाम वापस नहीं लिया, तो फिर मेहमान नवाजी करने वाली कांग्रेस सरकार को ही अपने विधायकों की बाड़ेबंदी करनी पड़ सकती है.

राजस्थान कांग्रेस विधायक बाड़ाबंदी, enclosure of congress MLA
राजस्थान कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी
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Published : Mar 16, 2020, 5:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद लगातार एक के बाद एक राज्यों में जब कांग्रेस पर सियासी संकट आया, तो राजस्थान में ही दूसरे राज्यों के कांग्रेस के विधायकों को शरण देते हुए उनकी बाड़ाबंदी की गई.

राजस्थान कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी

बता दें कि कांग्रेस विधायकों को जयपुर में रखा गया, चाहे महाराष्ट्र में सरकार बनाने से पहले कांग्रेस के 40 विधायकों को जयपुर लाना हो, चाहे मध्यप्रदेश में सरकार बचाने के लिए कांग्रेस विधायकों को जयपुर लाना हो या फिर राज्यसभा में सीट बचाने के लिए गुजरात के कांग्रेस विधायकों को जयपुर लाना हो. तीनों ही राज्यों में सियासी संकट से उबरने के लिए राजस्थान की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को ही कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में बाड़ेबंदी करने की जिम्मेदारी दी.

पढ़ें- जयपुर: कांग्रेसी विधायकों की बाड़ेबंदी पर BJP का पलटवार, कहा- पॉलिटिकल टूरिज्म का नया कांसेप्ट लेकर आए गहलोत

बाड़ेबंदी का ये है कारण...

लेकिन अब राजस्थान के विधायकों को ही गहलोत को बाड़ेबंदी में रखने की स्थिति आ सकती है. इसका कारण है राजस्थान की 3 सीटों पर होने वाले चुनाव. इन राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत को पर्चा भरवा कर कांग्रेस खेमे में बेचैनी बढ़ा दी है. हालांकि, संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस के खाते में 2 सीट जाना तय है, लेकिन लखावत को मैदान में उतारकर भाजपा कांग्रेस खेमे में सेंधमारी की तैयारी में जुट गई है.

कांग्रेस कर सकती है बाड़ाबंदी

जानकारों की मानें तो बीते 3 दिनों में भाजपा नेताओं ने निर्दलीय और दूसरे दलों के विधायकों को टटोला है. अब इसके बाद में भाजपा अपने प्रत्याशी का नाम वापस लेगी या मैदान में खड़ा रखेगी, यह 18 मार्च को सामने आ जाएगा. लेकिन उससे पहले कांग्रेस में इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है कि अगर भाजपा ओंकार सिंह लखावत का पर्चा वापस नहीं लेती है तो कांग्रेस विधायकों को किसी होटल में रखा जाए.

पढ़ें- गुजरात कांग्रेस के और 21 विधायक पहुंचे शिव विलास रिसॉर्ट जयपुर, अबतक कुल 35 विधायक जुटे

अगर भाजपा ने अपने एक प्रत्याशी का पर्चा वापस नहीं लिया, तो 26 मार्च को चुनाव होना तय है. अगर ऐसी स्थिति बनती है तो ऐसे में कांग्रेस और कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे विधायकों की बाड़ाबंदी भी कांग्रेस को करनी पड़ेगी.

अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है कांग्रेस

हालांकि, अपनी जीत को लेकर कांग्रेस पूरी तरीके से आश्वस्त है. लेकिन अंदर खाने से नाराज विधायकों को लेकर बेचैनी भी कांग्रेस में बनी हुई है क्योंकि कांग्रेस के करीब 12 विधायक ऐसे हैं जो मौजूदा विधानसभा सत्र में अपनी ही सरकार को कई बार घेर चुके हैं. कांग्रेस गलियारों में चर्चा है कि अगर चुनाव हुआ तो कई कांग्रेस विधायक ऐसे हैं जो क्रॉस वोटिंग कर भाजपा की मदद कर सकते हैं. ऐसे में क्रॉस वोटिंग ना हो ऐसी स्थिति से बचने के लिए कांग्रेस को अपने विधायकों की बाड़ेबंदी करनी ही पड़ेगी. इसके लिए कांग्रेस 18 मार्च का इंतजार करेगी.

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद लगातार एक के बाद एक राज्यों में जब कांग्रेस पर सियासी संकट आया, तो राजस्थान में ही दूसरे राज्यों के कांग्रेस के विधायकों को शरण देते हुए उनकी बाड़ाबंदी की गई.

राजस्थान कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी

बता दें कि कांग्रेस विधायकों को जयपुर में रखा गया, चाहे महाराष्ट्र में सरकार बनाने से पहले कांग्रेस के 40 विधायकों को जयपुर लाना हो, चाहे मध्यप्रदेश में सरकार बचाने के लिए कांग्रेस विधायकों को जयपुर लाना हो या फिर राज्यसभा में सीट बचाने के लिए गुजरात के कांग्रेस विधायकों को जयपुर लाना हो. तीनों ही राज्यों में सियासी संकट से उबरने के लिए राजस्थान की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को ही कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में बाड़ेबंदी करने की जिम्मेदारी दी.

पढ़ें- जयपुर: कांग्रेसी विधायकों की बाड़ेबंदी पर BJP का पलटवार, कहा- पॉलिटिकल टूरिज्म का नया कांसेप्ट लेकर आए गहलोत

बाड़ेबंदी का ये है कारण...

लेकिन अब राजस्थान के विधायकों को ही गहलोत को बाड़ेबंदी में रखने की स्थिति आ सकती है. इसका कारण है राजस्थान की 3 सीटों पर होने वाले चुनाव. इन राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत को पर्चा भरवा कर कांग्रेस खेमे में बेचैनी बढ़ा दी है. हालांकि, संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस के खाते में 2 सीट जाना तय है, लेकिन लखावत को मैदान में उतारकर भाजपा कांग्रेस खेमे में सेंधमारी की तैयारी में जुट गई है.

कांग्रेस कर सकती है बाड़ाबंदी

जानकारों की मानें तो बीते 3 दिनों में भाजपा नेताओं ने निर्दलीय और दूसरे दलों के विधायकों को टटोला है. अब इसके बाद में भाजपा अपने प्रत्याशी का नाम वापस लेगी या मैदान में खड़ा रखेगी, यह 18 मार्च को सामने आ जाएगा. लेकिन उससे पहले कांग्रेस में इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है कि अगर भाजपा ओंकार सिंह लखावत का पर्चा वापस नहीं लेती है तो कांग्रेस विधायकों को किसी होटल में रखा जाए.

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अगर भाजपा ने अपने एक प्रत्याशी का पर्चा वापस नहीं लिया, तो 26 मार्च को चुनाव होना तय है. अगर ऐसी स्थिति बनती है तो ऐसे में कांग्रेस और कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे विधायकों की बाड़ाबंदी भी कांग्रेस को करनी पड़ेगी.

अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है कांग्रेस

हालांकि, अपनी जीत को लेकर कांग्रेस पूरी तरीके से आश्वस्त है. लेकिन अंदर खाने से नाराज विधायकों को लेकर बेचैनी भी कांग्रेस में बनी हुई है क्योंकि कांग्रेस के करीब 12 विधायक ऐसे हैं जो मौजूदा विधानसभा सत्र में अपनी ही सरकार को कई बार घेर चुके हैं. कांग्रेस गलियारों में चर्चा है कि अगर चुनाव हुआ तो कई कांग्रेस विधायक ऐसे हैं जो क्रॉस वोटिंग कर भाजपा की मदद कर सकते हैं. ऐसे में क्रॉस वोटिंग ना हो ऐसी स्थिति से बचने के लिए कांग्रेस को अपने विधायकों की बाड़ेबंदी करनी ही पड़ेगी. इसके लिए कांग्रेस 18 मार्च का इंतजार करेगी.

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