जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की मंगलवार को वर्चुअली कार्यकारिणी की बैठक हुई. बैठक में सियासी उठापटक को लेकर तो किसी पदाधिकारी ने कुछ नहीं कहा लेकिन राजनीतिक नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया, जिला अध्यक्ष बनाने में आने वाली संभावित समस्याएं और चिरंजीवी योजना को लेकर जरूर सवाल उठाए गए. बैठक में कांग्रेस की तरफ से महंगाई के विरोध में 7 जुलाई से 17 जुलाई तक होने वाले कार्यक्रमों को सफल बनाने को लेकर भी चर्चा हुई.
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जिला प्रभारियों से कहा कि जिला अध्यक्षों के नाम एआईसीसी की ओर से मंगवाए गए हैं. भले ही एआईसीसी को सीधे नाम भिजवा दें. लेकिन जो नाम 33 जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों के भिजवाए हैं, उनकी एक कॉपी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को भी जमा करवा दें.
पार्षदों के मनोनयन में हुई अजय माकन के आदेशों की अवहेलना
राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने बैठक में अपनी बात रखते हुए कहा कि राजस्थान में हुई राजनीतिक नियुक्तियों, खास तौर पर पार्षदों के मनोनयन में प्रदेश प्रभारी अजय माकन के आदेशों की अवहेलना हुई है. जिनमें उन्होंने कहा था कि राजनीतिक नियुक्तियों और मनोनयन में उन नेताओं और कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा, जिन्हें पहले मौका नहीं मिला. लेकिन पार्षदों का जो मनोनयन हुआ है उसमें कार्यकर्ताओं को मौका नहीं मिला है.
बड़े नेताओं का जिलाध्यक्ष बनाने में इंटरफेयर
राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष और विधायक रामलाल जाट ने अपने जिले भीलवाड़ा के जिला अध्यक्ष बनाने में बड़े नेताओं के इंटरफेयर की बात करते हुए कहा कि अध्यक्ष जी आपके सीकर में और मेरे भीलवाड़ा में जिला अध्यक्ष बनाने की स्थिति एक जैसी है, क्योंकि आपके यहां भी बड़े नेताओं का ध्यान रखना पड़ता है तो मेरे यहां भी. रामलाल जाट ने चिरंजीवी योजना में लोगों को फायदा नहीं मिलने की बात कही. जाट ने कहा कि संगठन में नियुक्तियां नहीं होने से कार्यकर्ताओं में जोश कम है.