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आज रात तक कृषि कानून वापस नहीं लिए तो 26 जनवरी से हिटलर शाही सरकार की होगी उल्टी गिनती शुरू: गोविंद सिंह डोटासरा - कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस की बुकलेट

राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने एआईसीसी की ओर से जारी की गई 'खेती का खून तीन काले कानून' नाम से बुकलेट जारी की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसान 50 दिन से ठंड में बैठे हैं लेकिन मोदी सरकार हठधर्मिता की हदें पार हो चुकी है. अगर सरकार आज रात तक इन कानूनों को वापस नहीं लेती है तो 26 जनवरी से उसकी उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी.

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गोविंद सिंह डोटासरा
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Published : Jan 25, 2021, 10:20 PM IST

जयपुर. एआईसीसी की ओर से जारी की गई 'खेती का खून तीन काले कानून' नाम से बुकलेट सोमवार को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी जारी की. डोटासरा ने इस दौरान इन तीनों कानूनों का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा बताया. कृषि कानूनों के खिलाफ अब तक राजस्थान कांग्रेस की ओर से किए गए प्रदर्शनों और कार्यों के बारे में भी डोटासरा ने विस्तार से बताया.

गोविंद सिंह डोटासरा का मोदी सरकार पर हमला

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि किसानों को 50 से अधिक दिन हो गए हैं. वह अपनी मांगों को लेकर ठंड में बैठे हुए हैं. लेकिन मोदी सरकार हठधर्मिता की हदें पार हो चुकी है. वह लगातार किसानों को जलील कर रही है, उन्हें आतंकी और कांग्रेस का एजेंट तक बता रही है, जबकि किसान केवल अपने हक की बात कर रहा है.

पढे़ं: जंगल से खुशखबरी : बाघिन टी-118 ने दो शावकों को दिया जन्म...ट्रैप केमरे में कैद हुई फोटो

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी किसानों से बात करने तो नहीं आए, बल्कि निष्ठुर होकर उनका अपमान भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 26 जनवरी को किसान इतिहास लिखने जा रहा है और कल का दिन किसान के स्वाभिमान का दिन होगा, जिसे पूरी दुनिया देखेगी की केंद्र में जो सरकार है वह कितनी निर्लज्ज है. जो किसानों के वोट तो ले लेती है लेकिन उसके बाद किसानों के साथ ऐसा बर्ताव करती है.

डोटासरा ने कहा कि केंद्र सरकार के पास अभी आज का दिन बाकी है अगर मोदी सरकार किसानों का उनकी जीत में थोड़ा भी एहसान मानती है तो तीनों कानूनों को वापस ले नहीं तो 26 जनवरी से जनता द्वारा गलती से चुनी गई हिटलर शाही की सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस किसान ट्रैक्टर रैली को समर्थन करने के लिए हजारों की संख्या में किसान निकल चुके हैं. कांग्रेस के समर्थन से करीब 4000 किसान ट्रैक्टरों में सवार होकर इस आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं.

बुकलेट में दी जानकारी कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में क्या-क्या किया

बुकलेट में जानकारी दी गई है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से किसानों के विरोध में लाए गए इन तीनों काले कानूनों के विरोध में क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. इसमें दी गई जानकारी के अनुसार कृषि कानूनों के विरोध में 18 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, 21 सितंबर को पूरे प्रदेश में राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों एवं पार्टी के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, 26 सितंबर को डिजिटल कैंपेन 'स्पीक अप फॉर फार्मर' चलाया गया, 2 अक्टूबर को 'किसान मजदूर बचाओ दिवस' के तौर पर धरने प्रदर्शन किए गये, 10 अक्टूबर को किसान सम्मेलन आयोजित किया गया.

2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया और प्रदेश के 20 लाख किसानों के हस्ताक्षर इन कृषि कानूनों के खिलाफ करवाए गए, 2 दिसंबर को भाजपा सांसदों के घरों का राजस्थान एनएसयूआई की ओर से घेराव किया गया ,6 दिसंबर को किसान संवाद कार्यक्रम किया गया, 8 दिसंबर को भारत बंद को कांग्रेस की ओर से समर्थन दिया गया, 24 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत कई नेता दिल्ली में हुए प्रदर्शन में शामिल हुए, 28 दिसंबर से 30 दिसंबर तक किसान संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, 28 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में जयपुर में तिरंगा यात्रा निकाली गई, 3 जनवरी को कांग्रेस विधायक दल का शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन हुआ, 5 जनवरी से 10 जनवरी तक किसान बचाओ देश बचाओ अभियान चलाया गया तो वहीं 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस मनाते हुए राज्यपाल का सांकेतिक रूप से घेराव किया गया.

बुकलेट में कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार की तरफ से राजस्थान विधानसभा में 3 कृषि संशोधन बिलों को पारित किए जाने और उनके राज्यपाल के पास लंबित होने की बात भी लिखी गई है. जिसे राज्यपाल ने अब तक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए आगे नहीं भेजा है.

जयपुर. एआईसीसी की ओर से जारी की गई 'खेती का खून तीन काले कानून' नाम से बुकलेट सोमवार को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी जारी की. डोटासरा ने इस दौरान इन तीनों कानूनों का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा बताया. कृषि कानूनों के खिलाफ अब तक राजस्थान कांग्रेस की ओर से किए गए प्रदर्शनों और कार्यों के बारे में भी डोटासरा ने विस्तार से बताया.

गोविंद सिंह डोटासरा का मोदी सरकार पर हमला

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि किसानों को 50 से अधिक दिन हो गए हैं. वह अपनी मांगों को लेकर ठंड में बैठे हुए हैं. लेकिन मोदी सरकार हठधर्मिता की हदें पार हो चुकी है. वह लगातार किसानों को जलील कर रही है, उन्हें आतंकी और कांग्रेस का एजेंट तक बता रही है, जबकि किसान केवल अपने हक की बात कर रहा है.

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उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी किसानों से बात करने तो नहीं आए, बल्कि निष्ठुर होकर उनका अपमान भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 26 जनवरी को किसान इतिहास लिखने जा रहा है और कल का दिन किसान के स्वाभिमान का दिन होगा, जिसे पूरी दुनिया देखेगी की केंद्र में जो सरकार है वह कितनी निर्लज्ज है. जो किसानों के वोट तो ले लेती है लेकिन उसके बाद किसानों के साथ ऐसा बर्ताव करती है.

डोटासरा ने कहा कि केंद्र सरकार के पास अभी आज का दिन बाकी है अगर मोदी सरकार किसानों का उनकी जीत में थोड़ा भी एहसान मानती है तो तीनों कानूनों को वापस ले नहीं तो 26 जनवरी से जनता द्वारा गलती से चुनी गई हिटलर शाही की सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस किसान ट्रैक्टर रैली को समर्थन करने के लिए हजारों की संख्या में किसान निकल चुके हैं. कांग्रेस के समर्थन से करीब 4000 किसान ट्रैक्टरों में सवार होकर इस आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं.

बुकलेट में दी जानकारी कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में क्या-क्या किया

बुकलेट में जानकारी दी गई है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से किसानों के विरोध में लाए गए इन तीनों काले कानूनों के विरोध में क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. इसमें दी गई जानकारी के अनुसार कृषि कानूनों के विरोध में 18 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, 21 सितंबर को पूरे प्रदेश में राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों एवं पार्टी के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, 26 सितंबर को डिजिटल कैंपेन 'स्पीक अप फॉर फार्मर' चलाया गया, 2 अक्टूबर को 'किसान मजदूर बचाओ दिवस' के तौर पर धरने प्रदर्शन किए गये, 10 अक्टूबर को किसान सम्मेलन आयोजित किया गया.

2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया और प्रदेश के 20 लाख किसानों के हस्ताक्षर इन कृषि कानूनों के खिलाफ करवाए गए, 2 दिसंबर को भाजपा सांसदों के घरों का राजस्थान एनएसयूआई की ओर से घेराव किया गया ,6 दिसंबर को किसान संवाद कार्यक्रम किया गया, 8 दिसंबर को भारत बंद को कांग्रेस की ओर से समर्थन दिया गया, 24 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत कई नेता दिल्ली में हुए प्रदर्शन में शामिल हुए, 28 दिसंबर से 30 दिसंबर तक किसान संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, 28 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में जयपुर में तिरंगा यात्रा निकाली गई, 3 जनवरी को कांग्रेस विधायक दल का शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन हुआ, 5 जनवरी से 10 जनवरी तक किसान बचाओ देश बचाओ अभियान चलाया गया तो वहीं 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस मनाते हुए राज्यपाल का सांकेतिक रूप से घेराव किया गया.

बुकलेट में कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार की तरफ से राजस्थान विधानसभा में 3 कृषि संशोधन बिलों को पारित किए जाने और उनके राज्यपाल के पास लंबित होने की बात भी लिखी गई है. जिसे राज्यपाल ने अब तक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए आगे नहीं भेजा है.

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