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बिना भत्ता दिए तबादला आदेश पर लगाई गई रोक, एसपी से मांगा जवाब

बिना भत्ता दिए पुलिस कांस्टेबल के तबादला मामले में राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने रोक लगा दी है. इस संबंध में गृह सचिव, डीजीपी, आईजी मुख्यालय और डीसीपी मेट्रो सहित बीकानेर एसपी से जवाब मांगा गया है.

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बिना भत्ता दिए तबादला आदेश पर लगाई गई रोक
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Published : Jul 10, 2021, 8:08 PM IST

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने बिना भत्ता दिए पुलिस कांस्टेबल के तबादला आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने गृह सचिव, डीजीपी, आईजी मुख्यालय और डीसीपी मेट्रो सहित बीकानेर एसपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अधिकरण ने यह आदेश अनिल कुमार मीणा की अपील पर दिए.

अपील में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अधिकरण को बताया कि याचिकाकर्ता जयपुर मेट्रो में कांस्टेबल पद पर नियुक्त है. विभाग ने उसका तबादला बीकानेर कर दिया. अपील में कहा गया कि प्रशासनिक आवश्यकता के तहत तबादला करने पर संबंधित कर्मचारी को भत्ता देने का प्रावधान है. यदि भत्ता नहीं दिया जाता तो तबादला से पहले सहमति ली जाती है. जबकि अपीलार्थी के तबादले से पहले न तो उसकी सहमति ली गई और न ही उसे भत्ता दिया गया.

पढ़ें: Rajasthan High Court: आयुर्वेद कर्मचारियों से की जा रही रिकवरी पर लगाई रोक, अधिकारियों को नोटिस जारी

इसके अलावा याचिकाकर्ता की वरिष्ठता जिला स्तर पर तय होती है. दूसरे जिले में तबादला होने से उसकी वरिष्ठता वितरीत रूप से प्रभावित होगा. इस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने तबादला आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने बिना भत्ता दिए पुलिस कांस्टेबल के तबादला आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने गृह सचिव, डीजीपी, आईजी मुख्यालय और डीसीपी मेट्रो सहित बीकानेर एसपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अधिकरण ने यह आदेश अनिल कुमार मीणा की अपील पर दिए.

अपील में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अधिकरण को बताया कि याचिकाकर्ता जयपुर मेट्रो में कांस्टेबल पद पर नियुक्त है. विभाग ने उसका तबादला बीकानेर कर दिया. अपील में कहा गया कि प्रशासनिक आवश्यकता के तहत तबादला करने पर संबंधित कर्मचारी को भत्ता देने का प्रावधान है. यदि भत्ता नहीं दिया जाता तो तबादला से पहले सहमति ली जाती है. जबकि अपीलार्थी के तबादले से पहले न तो उसकी सहमति ली गई और न ही उसे भत्ता दिया गया.

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इसके अलावा याचिकाकर्ता की वरिष्ठता जिला स्तर पर तय होती है. दूसरे जिले में तबादला होने से उसकी वरिष्ठता वितरीत रूप से प्रभावित होगा. इस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने तबादला आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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