जयपुर. केंद्र सरकार के पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल में 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आम जनता को कुछ राहत मिली है. वहीं भाजपा शासित राज्यों के अपनी तरफ से वैट घटाने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी विपक्षी दल भाजपा ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है.
इसे देखते हुए आज मुख्यमंत्री ने एक बार फिर ट्वीट कर कहा कि हम केन्द्र सरकार से लगातार पेट्रोल/डीजल की कीमतों पर नियंत्रण एवं कमी करने का आग्रह करते रहे हैं. अभी 4 नवम्बर को केन्द्र सरकार के उत्पाद शुल्क (Excise Duty) को कम करने के निर्णय से राज्य का VAT भी स्वतः पेट्रोल पर 1.8 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 2.6 रुपये प्रति लीटर कम हो गया. इस कमी से राज्य को VAT राजस्व में 1800 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की हानि हुई है.
साथ ही केन्द्र सरकार से आग्रह है कि वह तेल कम्पनियों (Oil Companies) को पाबन्द करे जिससे पेट्रोल/डीजल के दामों में रोज-रोज होने वाली वृद्धि पर लगाम लगे. अन्यथा पूर्व की भांति दिवाली के बाद 5 राज्यों के चुनाव के बाद कुछ ही दिनों में ऑयल कम्पनियां कीमत बढ़ा कर केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से दी गई राहत का लाभ शून्य कर देंगी.
गहलोत ने ट्वीट के जरिये कहा कि प्रधानमंत्री से पुनः आग्रह है कि Excise Duty से जो हिस्सा सभी राज्य सरकारों को मिलता था, वह केन्द्र सरकार ने पहले से ही कम कर दिया है. साथ ही पहले से ही Covid-19 की स्थिति के कारण राज्यों के राजस्व में भारी कमी आ गई है. राजस्थान राज्य का जीएसटी कम्पनसेशन (GST Compensation) करीब 5963 करोड़ केन्द्र सरकार की ओर से भुगतान किया जाना बाकी है.
ऐसे में सुझाव है कि पेट्रोल/डीजल/गैस से Additional Excise Duty, Special Excise Duty and CESS के रूप में जो राजस्व केन्द्र सरकार इकठ्ठा कर रही है उस पर राज्य सरकारें VAT लगाती है, इसलिए केन्द्र सरकार को महंगाई को देखते हुए और इसमें और अधिक कमी करनी चाहिये. इससे राज्यों का VAT Collection स्वतः उसी अनुपात में कम हो जायेगा. जैसे 5 रुपये पेट्रोल एवं 10 रुपये डीजल का दाम कम करने की घोषणा के साथ ही राजस्थान को 1800 करोड़ रुपये का राजस्व कम होगा. इस वर्ष के बजट के वक्त राज्य सरकार की ओर से 2 प्रतिशत VAT कम कर देने के कारण 1000 करोड़ रुपये का राजस्व का पहले ही नुकसान हो चुका है. इस प्रकार 2800 करोड़ रुपये का कुल राजस्व कम होगा.