जयपुर. राजस्थान में अब ग्रामीण इलाकों में चलने वाली मनरेगा योजना की तर्ज पर शहरी बेरोजगारों के लिए भी इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना (Rajasthan Budget CM Gehlot Big Announcement) शुरू होगी वही कृषि उपभोक्ताओं को मिलने वाले अनुदान की तरह अब 300 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को भी गहलोत सरकार 2 से 3 रुपये तक प्रति यूनिट अनुदान देगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट में यह घोषणा की है.
मनरेगा का कार्य दिवस हुआ 125 दिन: राजस्थान विधानसभा में बजट अभिभाषण के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Budget CM Gehlot Big Announcement) ने कहा कि कोरोना कालखंड में आम इंसान आर्थिक रूप से परेशान हुआ है और उन्हें आर्थिक संबल देने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है. गहलोत ने कहा ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना चल रही है जो कि पूर्व यूपीए सरकार के समय शुरू की गई थी.अब मौजूदा समय में राज्य सरकार इस मनरेगा योजना के कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 125 करने का ऐलान करती है,जिसका अतिरिक्त खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. इस पर करीब 750 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. वहीं ग्रामीण इलाकों की तर्ज पर शहरी बेरोजगारों के लिए भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करने का ऐलान किया है. जिसमें आगामी वर्ष में निर्धन द्वारा रोजगार मांगने पर 100 दिन का रोजगार प्राप्त हो सकेगा इस योजना पर प्रदेश सरकार पर 800 करोड़ रुपए का भार आएगा.
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50 यूनिट तक निशुल्क बिजली : वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट घोषणा में 100 यूनिट प्रतिमाह तक उपयोग करने वाले घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 50 यूनिट बिजली निशुल्क देने का ऐलान किया. वही 150 यूनिट तक इस्तेमाल करने पर प्रति यूनिट 3 रुपए का अनुदान और 150 से 300 यूनिट तक उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को 2 रुपये प्रति यूनिट इस सरकारी सब्सिडी देने की घोषणा की. वही 300 यूनिट से अधिक बिजली का उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को भी इन स्लैब के अनुसार यह छूट मिलेगी. इससे प्रदेश के 118 लाक घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी सरकार पर इस घोषणा से 4500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक भार आएगा.