जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए काफी लोकलुभावन बजट पेश किया, लेकिन प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि घोषणाओं का अंबार लगाना और उसे भूल जाना गहलोत सरकार और मुख्यमंत्री की फितरत और आदत है.
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ के अनुसार इस पूरे बजट के अंदर घोषणाएं तो कई की गई हैं, लेकिन यह किस तरह पोषित होंगी, इसका कहीं पर भी उल्लेख या रोडमैप नहीं है. राठौड़ के अनुसार यह विडंबना है कि जब पिछली बार सरकार ने बजट पेश किया था तो 12 हजार करोड़ का राजकोषीय घाटा था, जो अब बढ़कर 41,000 करोड़ को पार कर गया है. ऐसे में 23,000 करोड़ से ज्यादा के घाटे का बजट पेश किया गया है और यदि वह पूरा किया जाता है, तो इसके लिए प्रदेश सरकार के पास कोई राजस्व है ही नहीं. ऐसे में यह तमाम घोषणाएं केवल कोरी कागजी घोषणा है.
राजेंद्र राठौड़ के अनुसार मुख्यमंत्री ने अपने बजट घोषणाओं में केंद्र सरकार की घोषणाओं को भी समाहित कर लिया और दुर्भाग्य इस बात का है कि जिस केंद्रीय करों के चलते प्रदेश सरकार को 40,000 करोड़ रुपए मिले हैं. उसी केंद्र सरकार को कोसने से भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं चूके. राठौर ने पेश हुए बजट को कपोल कल्पित कल्पनाओं वाला बजट करार दिया है.