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राजस्थान निकाय चुनाव 2021: भाजपा को सता रहा खरीद-फरोख्त का डर, मतदान के बाद प्रत्याशियों के बाड़ेबंदी की तैयारी - निकाय चुनाव 2021

प्रदेश के 20 जिलों की 90 निकायों में गुरुवार 28 जनवरी को मतदान होगा. 31 जनवरी को निकाय चुनाव का परिणाम आएगा. इसी के मद्देनजर भाजपा को अपने प्रत्याशियों की खरीद-फरोख्त का डर सता रहा है. लिहाजा मतदान के साथ ही भाजपा अपने प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी शुरू कर देगी. इसके लिए बाकायदा सभी निकायों के प्रभारियों और संबंधित जिला अध्यक्षों को आदेश दे दिए गए हैं.

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निकाय चुनाव में बाड़ेबंदी
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Published : Jan 27, 2021, 5:33 PM IST

जयपुर. प्रदेश के 20 जिलों की 90 निकायों में गुरुवार 28 जनवरी को मतदान होगा. 31 जनवरी को निकाय चुनाव का परिणाम आएगा. इसी के मद्देनजर भाजपा को अपने प्रत्याशियों की खरीद-फरोख्त का डर सता रहा है. लिहाजा मतदान के साथ ही भाजपा अपने प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी शुरू कर देगी. पार्टी खुले तौर पर बाड़ेबंदी की बात को तो स्वीकार नहीं कर रही है उसे प्रशिक्षण का नाम दे रही है.

निकाय चुनाव में बाड़ेबंदी की तैयारी

पढ़ें: राजस्थान निकाय चुनाव 2021: 28 जनवरी को है 90 निकायों में चुनाव, 30 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे 9930 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला

प्रदेश भाजपा मुख्यालय से इस सिलसिले में के पास सूचना पहुंचा दी गई है और इस काम की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है. मतदान के तुरंत बाद सभी संबंधित निकाय के प्रभारी और जिला अध्यक्ष अपने-अपने प्रत्याशियों को होटल, रिसोर्ट या अन्य स्थानों पर प्रशिक्षण के नाम पर एकत्रित करेंगे और यह बाड़ाबन्दी 31 जनवरी के दिन परिणाम आने तक जारी रहेगी. जिन निकायों में बीजेपी की जीत होगी वहां निकाय प्रमुख के चुनाव तक बाड़ेबंदी जारी रहेगी और जहां जीत हार का अंतर काम है वहां पर भी बाड़ेबंदी जारी रहेगी.

जीत का दावा भी ओर डर भी

भाजपा जीत का दावा तो कर रही है लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस पर इन चुनावों से पहले किए गए परिसीमन के बाद डर भी पार्टी के नेताओं में है. यही कारण है कि बाड़ेबंदी की बात भाजपा के नेता खुलकर नहीं स्वीकार कर रहे. पार्टी के प्रदेश सचिव और पूर्व संसदीय सचिव रहे जितेंद्र गोठवाल का बयान तो इसी ओर इशारा करता है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया चुनाव में भाजपा के कार्यकर्ताओं के परिश्रम और अथक प्रयासों के बल पर भाजपा की जीत का दावा कर रहे हैं.

बता दें कि 20 जिलों के जिन 90 निकायों में चुनाव होने वाले हैं उनमें से अधिकतर निकायों में इस समय भाजपा का ही बोर्ड है. ऐसे में भाजपा चाहेगी कि इन चुनावों में कम से कम 1 निकाय में तो अपना कब्जा यथावत रखे. जिस पर पहले से बीजेपी काबिज है. साथ ही यह भी चाहेगी कि कुछ निकायों में और जीत का परचम लहराया जाए, जिससे इसका सीधा फायदा आगामी समय में होने वाले 4 सीटों के उपचुनाव में भाजपा को मिल सके.

जयपुर. प्रदेश के 20 जिलों की 90 निकायों में गुरुवार 28 जनवरी को मतदान होगा. 31 जनवरी को निकाय चुनाव का परिणाम आएगा. इसी के मद्देनजर भाजपा को अपने प्रत्याशियों की खरीद-फरोख्त का डर सता रहा है. लिहाजा मतदान के साथ ही भाजपा अपने प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी शुरू कर देगी. पार्टी खुले तौर पर बाड़ेबंदी की बात को तो स्वीकार नहीं कर रही है उसे प्रशिक्षण का नाम दे रही है.

निकाय चुनाव में बाड़ेबंदी की तैयारी

पढ़ें: राजस्थान निकाय चुनाव 2021: 28 जनवरी को है 90 निकायों में चुनाव, 30 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे 9930 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला

प्रदेश भाजपा मुख्यालय से इस सिलसिले में के पास सूचना पहुंचा दी गई है और इस काम की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है. मतदान के तुरंत बाद सभी संबंधित निकाय के प्रभारी और जिला अध्यक्ष अपने-अपने प्रत्याशियों को होटल, रिसोर्ट या अन्य स्थानों पर प्रशिक्षण के नाम पर एकत्रित करेंगे और यह बाड़ाबन्दी 31 जनवरी के दिन परिणाम आने तक जारी रहेगी. जिन निकायों में बीजेपी की जीत होगी वहां निकाय प्रमुख के चुनाव तक बाड़ेबंदी जारी रहेगी और जहां जीत हार का अंतर काम है वहां पर भी बाड़ेबंदी जारी रहेगी.

जीत का दावा भी ओर डर भी

भाजपा जीत का दावा तो कर रही है लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस पर इन चुनावों से पहले किए गए परिसीमन के बाद डर भी पार्टी के नेताओं में है. यही कारण है कि बाड़ेबंदी की बात भाजपा के नेता खुलकर नहीं स्वीकार कर रहे. पार्टी के प्रदेश सचिव और पूर्व संसदीय सचिव रहे जितेंद्र गोठवाल का बयान तो इसी ओर इशारा करता है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया चुनाव में भाजपा के कार्यकर्ताओं के परिश्रम और अथक प्रयासों के बल पर भाजपा की जीत का दावा कर रहे हैं.

बता दें कि 20 जिलों के जिन 90 निकायों में चुनाव होने वाले हैं उनमें से अधिकतर निकायों में इस समय भाजपा का ही बोर्ड है. ऐसे में भाजपा चाहेगी कि इन चुनावों में कम से कम 1 निकाय में तो अपना कब्जा यथावत रखे. जिस पर पहले से बीजेपी काबिज है. साथ ही यह भी चाहेगी कि कुछ निकायों में और जीत का परचम लहराया जाए, जिससे इसका सीधा फायदा आगामी समय में होने वाले 4 सीटों के उपचुनाव में भाजपा को मिल सके.

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