जयपुर. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के 2 साल का कार्यकाल कांग्रेस के नेता बेमिसाल बता रहे हैं, वहीं विपक्ष के रूप में भाजपा इसे पूरी तरह विफल सरकार करार दे रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया से ईटीवी भारत ने खास बात करते हुए प्रदेश सरकार को अब तक की सबसे भ्रष्ट नकारा और निकम्मी सरकार करार दिया. पूनियां ने इस दौरान विपक्ष की भूमिका से जुड़े सवालों पर भी बेबाकी से अपनी बात रखी.
इतिहास की सबसे अराजक सरकार...
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार अब तक के इतिहास की सबसे भ्रष्ट नकारा निकम्मी सरकार है. पूनिया के अनुसार, ऐसा पहली बार हुआ है कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को बाइबल माना, लेकिन उसमें जो घोषणा की गई थी. उसे पूरा नहीं कर पाई. खासतौर पर ना तो किसानों को संपूर्ण कर्ज माफी का लाभ मिल पाया और ना बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता. राजस्थान अपराधों की राजधानी जरूर बन गया. पूनिया ने कहा कि मौजूदा गहलोत सरकार की नाकामियों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन मौजूदा कोरोना का हाल में जिस प्रकार की इंतजाम हुई, उसको प्रदेश की जनता ने भुगता. इस दौरान ना तो सरकार कोरोना का बढ़ता संक्रमण रोक पाए और ना मौत के आंकड़ों को कम कर पाई. बस आंकड़ों की जादूगरी के जरिए इनको छुपाती रही.
पंचायत राज चुनाव जीते...
जब सतीश पूनिया से पूछा गया कि मौजूदा पंचायत राज चुनाव के नतीजे बताते हैं कि शहरी मतदाताओं का बीजेपी से मोहभंग हो गया, तब पूनिया ने कहा कि हम पंचायत राज चुनाव जीते और निकाय चुनाव में जिस प्रकार का प्रदर्शन रहा. वह कांग्रेस के लिए सकारात्मक नहीं है. पंचायत राज चुनाव में मतदाता थे. बीजेपी को प्रचंड जीत मिली, जबकि 50 निकायों में हुए चुनाव में 14 लाख मतदाता से इसमें भी निर्दलीयों ने बाजी मारी, जो इस बात का संकेत है कि शहरी जनता ने भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नीतियों में विश्वास नहीं बताया. निकाय चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच महज 2888 वोटों का ही अंतर है. मतलब साफ है कि अब तक के इतिहास में पिछले चुनाव में जनता ने विपक्षी दल भाजपा को बहुत बड़ी जीत से नवाजा.
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कांग्रेस में है आंतरिक कलह...
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने गहलोत सरकार के 2 साल के कार्यकाल को पूरी तरह विफल बताया, लेकिन भाजपा पर आरोप है कि बीजेपी प्रदेश की गहलोत सरकार को गिराने की भी कोशिश की, लेकिन इन आरोपों को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सिरे से नकारते हैं. पूनिया के अनुसार, कांग्रेस के भीतर विग्रह और आंतरिक कलह साफ तौर पर दिखती है. पूनिया ने कहा ये अपने घर के झगड़ों को नहीं संभाल पाए, जिसके चलते राजस्थान में सरकार लचर और कमजोर हो गई. पुनर्जन्म 786 झगड़ा है और महत्वाकांक्षाओं का खेल है और इसे ना तो कांग्रेस आलाकमान समझ पाया और ना ही इसका निराकरण करवा पाया. इसका नुकसान प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है.
हां ये काम किया है इस सरकार ने...
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से जब पूछा गया कि बीते 2 साल में कम से कम कोई तो काम प्रदेश सरकार ने जनता के लिए किया होगा, क्या विपक्ष को नहीं लगता कि कुछ तो अच्छा काम किया होगा. इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, हां काम तो जरूर किया है इस सरकार ने और वह सचिन पायलट को पार्टी से बाहर निकालने का पीसीसी चीफ पद से हटाने का उपमुख्यमंत्री पद से हटाने का, राजस्थान को सर्वाधिक अपराध ग्रस्त राज्य बनाने का और भ्रष्ट राज्यों में शुमार कराने का, क्योंकि अब सरकारी आंकड़े भी यही बात कहते हैं.
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रिपोर्ट कार्ड में कुछ नहीं कांग्रेस की सिलेट पूरी सपाट है...
पूनिया से प्रदेश सरकार के 2 साल के कामकाज पर 10 में से अंक देने की बात कही, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने खुद ही अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर दिया और खुद ही नंबर भी ले ली है. लेकिन, यदि में अपने नजरों से देखो तो बीते 2 साल में इस सरकार का ऐसा कोई काम नहीं जिसे उपलब्धि मानी जाए. उन्होंने कहा कांग्रेस की सिलेट सपाट हो चुकी है और मुझे नहीं लगता है इसमें किसी प्रकार की कोई मार्किंग की आवश्यकता हो.