जयपुर. राजस्थान भाजपा में सियासी उठापटक के बीच अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं पर प्रदेश संगठन ने अनुशासन का डंडा चलाना शुरु कर दिया है. राजे समर्थक पूर्व विधायक और मंत्री रोहिताश्व शर्मा को नोटिस जारी कर विवादित बयान पर 15 दिन में जवाब देने को कहा गया है.
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भाजपा प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा की ओर से भेजे गए नोटिस में रोहिताश शर्मा के 1 जून को दिए उस बयान का हवाला दिया गया है. जिसमें उन्होंने राजस्थान भाजपा के नेताओं द्वारा दफ्तर से पार्टी चलाए जाने का जिक्र किया था और राजस्थान में विपक्ष के रूप में भाजपा की हालत कमजोर बताते हुए उसकी तुलना केंद्र में विपक्ष में बैठी कांग्रेस से की थी. रोहिताश शर्मा ने कहा था कि केंद्र में हमारे मंत्री, नेता भी अब अपने क्षेत्र तक सीमित रह गए हैं. पूरे राजस्थान की कोई सुध लेने वाला नहीं है. अभी प्रदेश स्तर पर कोई ऐसा नेता नहीं है, जिसे पूरे राजस्थान की जानकारी हो. इससे भाजपा को नुकसान हो रहा है.
15 दिन में मांगा जवाब
नोटिस में यह भी लिखा गया कि रोहिताश शर्मा ने कई अनर्गल आरोप संघ, भाजपा संगठन पर सार्वजनिक रूप से लगाए हैं जो तथ्यों से परे थे. शर्मा पर प्रदेश पदाधिकारियों के लिए अपशब्द और गाली का प्रयोग करने के भी आरोप लगाए गए हैं. उनके बयानों को भाजपा संगठन को क्षति पहुंचाने वाला बताया गया है. रोहिताश शर्मा को 15 दिनों के भीतर अपना जवाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है.
साथ ही शर्मा के स्पष्टीकरण नहीं देने पर मामला अनुशासन समिति को भेजने की भी बात नोटिस में कही गई है. गौरतलब है कि पूर्व में रोहिताश शर्मा ने वसुंधरा राजे के समर्थन में भी कई बयान दिए थे. उन्होंने कहा था कि राजस्थान में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा वसुंधरा राजे ही हैं. लेकिन उस बयान का जिक्र नोटिस में नहीं है.