जयपुर. शुक्रवार से शुरु हो रहे विधानसभा सत्र को लेकर गुरुवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद कटारिया ने व्हिप जारी किया. जिसमें सभी को विधानसभा कार्यवाही के दौरान कटारिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और राष्ट्रीय संगठन मंत्री वी सतीश भी मौजूद रहे है.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित भाजपा के 15 विधायक इस बैठक से नदारद रहे. इस बैठक में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों को भी बुलाया गया था लेकिन ये तीनों ही इसमें शामिल नहीं हुए. वहीं, बैठक में देर से पहुंचे विधायकों से 500-500 की पेनल्टी भी लगाई गई.
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बैठक के बाद पत्रकारों से मुखातिब हुए गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि जल्दबाजी में बुलाया गया यह सत्र प्रदेश सरकार की असफलता का सबसे बड़ा घोतक है. कटारिया के अनुसार एससी एसटी आरक्षण दिसंबर में ही लोकसभा और राज्यसभा में पारित कर दिया गया, इसमें आधे राज्यों की सहमति आवश्यक होती है और वह सहमति भी दुर्भाग्य से राजस्थान की सरकार और राजस्थान का प्रशासनिक तंत्र नहीं दे पाया. जो किसी निर्लज्जता से कम नहीं है.
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उन्होंने कहा कि 25 जनवरी 2020 तक की समय अवधि थी लेकिन क्या राज्य सरकार यह काम 15 दिन पहले नहीं कर सकती थी. अब सरकार की नींद खुली और विधानसभा की सारी परंपराओं और मर्यादाओं को ताक में रख दिया गया. कटारिया के अनुसार सत्र के लिए कम से कम 21 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब तो इस बात की भी जानकारी नहीं कि राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव कब होगा.