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Rajasthan Assembly Budget Session: रीट पेपर लीक मामले में कटारिया ने CM गहलोत और सुभाष गर्ग पर लगाए गंभीर आरोप

राजस्थान विधानसभा में रीट पेपर लीक मामले (REET Paper Leak Case) को लेकर चल रही रार के बीच सोमवार को सदन में चर्चा के लिए सहमति बनी. इस मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल के पदाधिकारी पेपर लीक में शामिल हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्री सुभाष गर्ग पर गंभीर आरोप लगाए.

Rajasthan Assembly Budget Session
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Published : Feb 14, 2022, 12:58 PM IST

Updated : Feb 14, 2022, 2:19 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly Budget Session) में रीट परीक्षा अनियमितता (REET Paper Leak Case) को लेकर चल रही रार के बीच सोमवार को इस विषय पर सदन में चर्चा पर सहमति बनी. प्रश्नकाल शुरू होते ही प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने आसन से आग्रह किया कि भाजपा इस मामले में सदन में चर्चा के लिए तैयार है, अगर सरकार जवाब देना चाहे. कटारिया ने भाजपा के चार विधायकों के निलंबन को वापस बहाल करने की भी शर्त रखी.

इस पर स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने सत्ता पक्ष से भी अपनी राय रखने को कहा. जिस पर पहले शिक्षा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला ने कहा कि विपक्ष रीट की परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग पर सदन में लगातार गतिरोध खड़ा कर रहा है. हालांकि, इस पर स्पीकर ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल से सदन में बोलने को कहा. इस पर धारीवाल ने कहा कि सरकार इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन केवल हंगामा करके सदन का समय जाया करना ठीक नहीं है.

सुभाष गर्ग पर कटारिया ने लगाए गंभीर आरोप

पढ़ें- नेताओं पर Valentine Day का असर: भाजपा नेता बोले- वैलेंटाइन डे पर पॉलिटिकल लड़ाई ही ठीक, कांग्रेस ने कहा- बीजेपी प्यार के लायक नहीं

इस बीच राठौड़ और कटारिया ने स्पीकर से प्रश्नकाल स्थगित कर चार निलंबित विधायकों को बहाली पर चर्चा कर सकारात्मक निर्णय लेने का आग्रह किया ताकि उसके बाद सदन में चर्चा के लिए भाजपा के सभी विधायक मौजूद रह सकें. ऐसे में स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही 11:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी और फिर जब कार्रवाई वापस शुरू हुई तो सदन में रीट परीक्षा अनियमितता पर चर्चा भी शुरू हो गई.

सीएम अशोक गहलोत पर भी लगाया आरोप- 9 फरवरी से चल रहा विधानसभा में भाजपा का विरोध आज रीट परीक्षा मामले में चर्चा के साथ समाप्त हुआ. जिसमें भाजपा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, आरएलपी के नारायण बेनीवाल और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भाग लिया. इसमें बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राजीव गांधी स्टडी सर्किल के पदाधिकारियों पर पेपर लीक के आरोप लगाते हुए इस मामले में राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्री सुभाष गर्ग को भी लपेट दिया.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस मामले में स्ट्रांग रूम की चाबी देकर आपने प्राइवेट लोगों को पेपर की रखवाली के लिए छोड़ दिया गया. मतलब बाड़ ही खेत को खा रही है. कटारिया ने कहा कि इस मामले की जांच करना आवश्यक हो गया है क्योंकि राजीव गांधी स्टडी सर्किल के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चेयरमैन हैं और सुभाष गर्ग नेशनल कोऑर्डिनेटर. ऐसे में के अशोक गहलोत की जांच करना और सुभाष गर्ग की जांच करना एसओजी के बस की बात नहीं है. कटारिया ने कहा कि इस मामले में चाहे दोषी गुलाबचंद कटारिया हो या फिर कोई और उसे सजा मिलनी चाहिए.

कटारिया ने आरोप लगाया कि जब प्रदेश के 32 जिलों के लिए यह आदेश निकाला गया था कि रीट परीक्षा पत्र को पुलिस की सुरक्षा में रखा जाएगा तो फिर जयपुर को उस आदेश से महरूम क्यों रखा गया और उस परीक्षा पत्र को किसके कहने पर शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम में रखवाया गया. 12 सितंबर को अरविंद कुमार सांगवा ने आदेश निकालकर संवेदनशील, अतिसंवेदनशील केंद्रों पर सीसीटीवी लगाने ओर परीक्षा पत्र कोषागार जिले की स्ट्रांग रूम पुलिस अभिरक्षा में रखवाने का आदेश दिया, लेकिन जब आपके पास इतना स्पष्ट आदेश था तो आपने 32 जिलों में यह काम किया तो जयपुर में ही क्या विशेषता थी यहां के पेपर की व्यवस्था के लिए इस व्यवस्था को नहीं करके आपने एक प्राइवेट लोगों की व्यवस्था दी.

रीट पेपर लीक मामले में चर्चा शुरू

पहले भी सुभाष गर्ग पर लगे थे आरोप: नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में मंत्री सुभाष गर्ग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं गंभीर तरीके से आरोप लगा रहा हूं कि रीट परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से लूट चोरी का धंधा हुआ है. उन्होंने कहा कि 2012 में जब टेट परीक्षा हुई थी मंत्री सुभाष गर्ग माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन थे. उस समय भी नरेंद्र तंवर इनका सहयोगी था, उसके घर पर छापा मारा वहां 50 करोड़ की एफडी ओर 10 करोड़ की करेंसी मिली. उस समय जीके माथुर भी उस कांड में शरीक थे. इन दोनों को भी इस परीक्षा में लगाया गया. उस समय टेट परीक्षा में जो घोटाला हुआ था उसमे ये दोनों लोग भी थे और पेपर भी कलकत्ता के सरस्वती प्रिंटिंग प्रेस कोलकाता में छपा था. उस मामले को भी बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

कोचिंग सेंटर को बेचा गया पेपर : नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान अब पेपर लीक के दलदल में फंस गया है. यही कारण था कf 1000 प्रश्न का उसी में से रीट पेपर बनने का तय हुआ. यही कारण था कि कोचिंग सेंटरों में हजार प्रश्नों के हिसाब से अलग फीस तय की. 500 के लिए अलग फीस और 100 प्रश्नों के लिए अलग फीस और यही पैसा पेपर लीक करने वालों तक पहुंचा. जिस गाड़ी में पेपर राजस्थान आया उसमें ड्राइवर समेत सरस्वती प्रेस के 2 लोग भी बैठे थे. एक्सीडेंट में ड्राइवर तो मर जाता है और बाकी लोगों को खरोच भी नहीं आती और दोनों बंगाल चले जाते हैं. इस मामले में 40 लोगों को जेल भेजा. सभी लोगों को एसओजी ने पकड़ा है, लेकिन यह तार अब मंत्री सुभाष गर्ग की तरफ जा रहे हैं, इसीलिए हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.

गोविंद डोटासरा पर भी हमला: नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस मामले में राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर भी तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री रहते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि इतनी बड़ी परीक्षा कराने के लिए इसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल होना चाहिए. अब पेपर लीक के बाद इस परीक्षा का नाम किस तरीके से गिनीज बुक में दर्ज होगा यह हर किसी को पता है. उन्होंने डोटासरा पर व्यंग करते हुए कहा की पहले से ही उनके तीन परिवार के सदस्य आरएएस बन चुके हैं अब ऐसे कौन उनके 13 परिवार के सदस्य रह गए हैं जो इस परीक्षा में फेल हो गए.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly Budget Session) में रीट परीक्षा अनियमितता (REET Paper Leak Case) को लेकर चल रही रार के बीच सोमवार को इस विषय पर सदन में चर्चा पर सहमति बनी. प्रश्नकाल शुरू होते ही प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने आसन से आग्रह किया कि भाजपा इस मामले में सदन में चर्चा के लिए तैयार है, अगर सरकार जवाब देना चाहे. कटारिया ने भाजपा के चार विधायकों के निलंबन को वापस बहाल करने की भी शर्त रखी.

इस पर स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने सत्ता पक्ष से भी अपनी राय रखने को कहा. जिस पर पहले शिक्षा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला ने कहा कि विपक्ष रीट की परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग पर सदन में लगातार गतिरोध खड़ा कर रहा है. हालांकि, इस पर स्पीकर ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल से सदन में बोलने को कहा. इस पर धारीवाल ने कहा कि सरकार इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन केवल हंगामा करके सदन का समय जाया करना ठीक नहीं है.

सुभाष गर्ग पर कटारिया ने लगाए गंभीर आरोप

पढ़ें- नेताओं पर Valentine Day का असर: भाजपा नेता बोले- वैलेंटाइन डे पर पॉलिटिकल लड़ाई ही ठीक, कांग्रेस ने कहा- बीजेपी प्यार के लायक नहीं

इस बीच राठौड़ और कटारिया ने स्पीकर से प्रश्नकाल स्थगित कर चार निलंबित विधायकों को बहाली पर चर्चा कर सकारात्मक निर्णय लेने का आग्रह किया ताकि उसके बाद सदन में चर्चा के लिए भाजपा के सभी विधायक मौजूद रह सकें. ऐसे में स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही 11:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी और फिर जब कार्रवाई वापस शुरू हुई तो सदन में रीट परीक्षा अनियमितता पर चर्चा भी शुरू हो गई.

सीएम अशोक गहलोत पर भी लगाया आरोप- 9 फरवरी से चल रहा विधानसभा में भाजपा का विरोध आज रीट परीक्षा मामले में चर्चा के साथ समाप्त हुआ. जिसमें भाजपा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, आरएलपी के नारायण बेनीवाल और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भाग लिया. इसमें बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राजीव गांधी स्टडी सर्किल के पदाधिकारियों पर पेपर लीक के आरोप लगाते हुए इस मामले में राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्री सुभाष गर्ग को भी लपेट दिया.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस मामले में स्ट्रांग रूम की चाबी देकर आपने प्राइवेट लोगों को पेपर की रखवाली के लिए छोड़ दिया गया. मतलब बाड़ ही खेत को खा रही है. कटारिया ने कहा कि इस मामले की जांच करना आवश्यक हो गया है क्योंकि राजीव गांधी स्टडी सर्किल के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चेयरमैन हैं और सुभाष गर्ग नेशनल कोऑर्डिनेटर. ऐसे में के अशोक गहलोत की जांच करना और सुभाष गर्ग की जांच करना एसओजी के बस की बात नहीं है. कटारिया ने कहा कि इस मामले में चाहे दोषी गुलाबचंद कटारिया हो या फिर कोई और उसे सजा मिलनी चाहिए.

कटारिया ने आरोप लगाया कि जब प्रदेश के 32 जिलों के लिए यह आदेश निकाला गया था कि रीट परीक्षा पत्र को पुलिस की सुरक्षा में रखा जाएगा तो फिर जयपुर को उस आदेश से महरूम क्यों रखा गया और उस परीक्षा पत्र को किसके कहने पर शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम में रखवाया गया. 12 सितंबर को अरविंद कुमार सांगवा ने आदेश निकालकर संवेदनशील, अतिसंवेदनशील केंद्रों पर सीसीटीवी लगाने ओर परीक्षा पत्र कोषागार जिले की स्ट्रांग रूम पुलिस अभिरक्षा में रखवाने का आदेश दिया, लेकिन जब आपके पास इतना स्पष्ट आदेश था तो आपने 32 जिलों में यह काम किया तो जयपुर में ही क्या विशेषता थी यहां के पेपर की व्यवस्था के लिए इस व्यवस्था को नहीं करके आपने एक प्राइवेट लोगों की व्यवस्था दी.

रीट पेपर लीक मामले में चर्चा शुरू

पहले भी सुभाष गर्ग पर लगे थे आरोप: नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में मंत्री सुभाष गर्ग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं गंभीर तरीके से आरोप लगा रहा हूं कि रीट परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से लूट चोरी का धंधा हुआ है. उन्होंने कहा कि 2012 में जब टेट परीक्षा हुई थी मंत्री सुभाष गर्ग माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन थे. उस समय भी नरेंद्र तंवर इनका सहयोगी था, उसके घर पर छापा मारा वहां 50 करोड़ की एफडी ओर 10 करोड़ की करेंसी मिली. उस समय जीके माथुर भी उस कांड में शरीक थे. इन दोनों को भी इस परीक्षा में लगाया गया. उस समय टेट परीक्षा में जो घोटाला हुआ था उसमे ये दोनों लोग भी थे और पेपर भी कलकत्ता के सरस्वती प्रिंटिंग प्रेस कोलकाता में छपा था. उस मामले को भी बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

कोचिंग सेंटर को बेचा गया पेपर : नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान अब पेपर लीक के दलदल में फंस गया है. यही कारण था कf 1000 प्रश्न का उसी में से रीट पेपर बनने का तय हुआ. यही कारण था कि कोचिंग सेंटरों में हजार प्रश्नों के हिसाब से अलग फीस तय की. 500 के लिए अलग फीस और 100 प्रश्नों के लिए अलग फीस और यही पैसा पेपर लीक करने वालों तक पहुंचा. जिस गाड़ी में पेपर राजस्थान आया उसमें ड्राइवर समेत सरस्वती प्रेस के 2 लोग भी बैठे थे. एक्सीडेंट में ड्राइवर तो मर जाता है और बाकी लोगों को खरोच भी नहीं आती और दोनों बंगाल चले जाते हैं. इस मामले में 40 लोगों को जेल भेजा. सभी लोगों को एसओजी ने पकड़ा है, लेकिन यह तार अब मंत्री सुभाष गर्ग की तरफ जा रहे हैं, इसीलिए हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.

गोविंद डोटासरा पर भी हमला: नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस मामले में राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर भी तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री रहते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि इतनी बड़ी परीक्षा कराने के लिए इसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल होना चाहिए. अब पेपर लीक के बाद इस परीक्षा का नाम किस तरीके से गिनीज बुक में दर्ज होगा यह हर किसी को पता है. उन्होंने डोटासरा पर व्यंग करते हुए कहा की पहले से ही उनके तीन परिवार के सदस्य आरएएस बन चुके हैं अब ऐसे कौन उनके 13 परिवार के सदस्य रह गए हैं जो इस परीक्षा में फेल हो गए.

Last Updated : Feb 14, 2022, 2:19 PM IST
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